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स्वाइन फ्लू (Swine Flu) क्या है, लक्षण, जाँच एवं उपचार क्या करें ?

स्वाइन फ्लू के लक्षण दूसरे बुखार की तरह ही होते है, पर अगर बुखार ठीक होने में ज्यादा समय लग रहा है। तो डॉक्टर से जरूर मिले।

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Swine Flu क्या है (What is Swine Flu in Hindi)

यह सांस संबंधित एक ऎसी बीमारी है, जो संक्रमण के जरिए फैलती है, और सामान्यता सूअरों में पाई जाती है, पश्चिमी देशों में फैली यह बीमारी आज बदलते मौसम के जरिए के साथ दुनिया के कई देशों में तेजी से फैल रही है, इस रोग का वाहक Type A Influenja Virus H1N1 है, जिसकी खोज सबसे पहले सं 1930 में की गई थी। दरअसल, यह वायरस हवा के जरिए हमारे वातावरण में फैलती है, जिसकी शुरुआत लक्षण सामान्य बुखार के रूप में सामने आते है,

स्वाइन फ्लू कैसे फैलता है

Swine Flu वायरस विभिन्न जानवरो और पक्षियों में प्रविष्ट होकर उन्हें संक्रमित कर देता है, मनुष्य में एच1एन1 सुअरों के अधिक संपर्क में रहने से होता है, इंसान के शरीर में यह Virus बहुत कम देखा गया है, इसके अलावा अगर सूअर के मांस को ठीक से पकाकर नहीं खाया जाए तो तो भी ये वायरस फैलता है। H1N1H1N अलावा यह वायरस के खोजे गए अन्य प्रतिरूपों में H1N2, H3N2 और H3N1 आदि सामिल है।

स्वाइन फ्लू के लक्षण (Swine Flu Syptomes in Hindi)

स्वाइन फ्लू के लक्षण को जानना बहुत जरूरी है, अगर समय रहते स्वाइन फ्लू के लक्षणों की पहचान कर ली जाए तो इलाज की प्रक्रिया शुरू करके गंभीर स्थिति से निपटा का सकता है। इसके लक्षण की बात करे तो –

  • नाक से पानी आना
  • बार बार छिकना
  • कफ
  • गले में खराश
  • शरीर में दर्द

जैसे लक्षण होने पर तुरंत डॉक्टर को संपर्क करें

स्वाइन फ्लू की जांच (Swine flu Test)

सुरुआती लक्षणों के आलावा स्वाइन फ्लू की पुष्टि के लिए खून की जांच आवश्यक होती है। इसके लिए PCR टेस्ट किया जाता है रक्त में H1N1 वायरस की पुष्टि के अलावा रोगी के गले वा नाक के द्रव्यो का भी जांच किया जाता है।

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स्वाइन फ्लू का उपचार स्वाइन फ्लू (Swine Flu Treatment)

स्वाइन फ्लू की पुष्टि होने पर 48 घंटे के अंदर इलाज शुरू हो जाए तो बेहतर है। सुरुआत में मरीज को पांच दिन का इलाज किया जाता है। जिसमे टेमीफ्लू दी जाती है। दरअसल H1N1 वायरस स्टील और प्लास्टिक में 24 से 48 घंटे और कागज में 8 से 12 घंटे तक जीवित रहता है। इसके कीटाणु टिश्यू पेपर में करीब 15 मिनट और हाथों में लगभग 30 मिनट तक जीवित रह सकते है। जिन्हे खत्म करने के लिए, डिटर्जेंट, अल्कोहल, ब्लीच या साबुन आदि का इस्तेमाल किया जाता है।

स्वाइन फ्लू होने पर क्या खाए क्या नहीं?

स्वाइन फ्लू बुखार के दौरान रोगी को घर का ताज बना खाना ही खिलाऐ। ताजे फल व हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन अधिक करें। पतली दाल खाए। तरल पदार्थों में दूध, चाय, फलो का जूस , छाछ, लस्सी का सेवन करें
स्वाइन फ्लू में रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कमजोर हो जाती है। इसलिए आयुर्वेद के अनुसार अधा कप पानी में आधा चम्मच आंवला पाउडर मिलाकर दिन में 2 बार पीने से Immunity बढ़ती है।

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