किया गया भोजन पाचक रसों के द्वारा परिवर्तित होकर ग्लूकोज बनाता है। जिसके पास ग्लूकोज रुधिर वाहनों में प्रवेश करता है ताकि वह शरीर को कोशिकाओं तक पहुंच सके। और इंसुलिन ही वह तत्व है जो ग्लूकोज का शरीर की कोशिकाओं में प्रवेश हेतु द्वार खोलता है।

Table of Contents
मधुमेह (शुगर) क्या है?
जब हमारे ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा एक सामान्य स्तर से अधिक हो जाता है तो इसे मधुमेह या डायबिटीज कहते हैं। इसे और सरल भाषा में समझे तो हमारे शरीर में शर्करा, मीठा यानी की ग्लूकोज की एक समान स्तर होती है जब यह अस्तर हमारे खून में अंदर बढ़ जाती है तो हमारे शरीर में तरह तरह कि असमानताएं उत्पन्न होने लगती है। तो इसे मधुमेह रोग या डायबिटीज कहा जाता है।
आगे चलकर हम मद में रोग के बारे में संपूर्ण जानकारी जैसे इसके लक्षण, कारण, सामान्य स्तर, नियंत्रण और खानपान के बारे में जानेंगे।
डायब्टीज के अन्य नाम
डायबिटीज को अन्य नामों से भी जाना जाता है जिसे आमतौर पर हिंदी में लोग शुगर, मधुमेह और अंग्रेजी में Diabetes कहते है।
मधुमेह होने के लक्षण
- अत्यधिक प्यास लगना
- अत्यधिक भूख लगना
- बार-बार पेशाब लगना
- आंखों की दृष्टि धुंधली या मंद होना
- लगातार शरीर का वजन कम होना
- थकान
मधुमेह होने के कारण
किन किन लोगों में मधुमेह होने की संभावना अधिक होती है?
जिनके परिवार में कोई मधुमेह रोगी पहले से हो। जिनको उच्च रक्त चाप या रक्त में चर्बी को मात्रा अधिक हो। मधुमेह अधिकतर उम्र 45 वर्ष से ज्यादा लोगों में होता है। यह मोटा पाया आराम परसत लोगों में अधिक होता है। जिनका वजन औसतन ऊंचाई एवं वजन तालिका से 20% अधिक होता है।
मधुमेह टेस्ट
यदि आपको लगता है ऊपर बताए गए लक्ष्मण आपके अंदर है तो आपको डॉक्टर की सलाह से शुगर टेस्ट जरूर करवा लेना चाहिए। डॉक्टर आपको लक्षणों के हिसाब से शुगर टेस्ट के साथ-साथ करने भी टेस्ट लिख सकते हैं।
मधुमेह सामान्य स्तर
मधुमेह का सामान्य स्तर जानने के लिए हमें इसके जांच के 3 स्तर को समझना होगा।
- खाली पेट: खाली पेट शुगर की बात करें तो 70 से 125mg/dl नॉर्मल शुगर होता है।
- खाना खाने के बाद: खाने के 2 घंटे के बाद नॉर्मल शुगर 160mg/dl तक माना जाता है।
- रैंडम सुगर टेस्ट: 160mg/dl Random Sugar Normal माना जाता है।
मधुमेह नियंत्रण (इलाज)
किन-किन तरीकों को अपनाकर हम मधुमेह को नियंत्रित कर सकते हैं।
1.आहार:
शक्कर रहित रेशेयुक्त स्वास्थ्यवर्धक भोजन करें चर्बी वसायुक्त भोजन पदार्थ तथा डेयरी पदार्थों का सेवन कम करें।
2.कसरत और व्ययाम
बयान से रक्त प्रवाह बढ़ता है जिससे हृदय संबंधी रोगों की संभावनाएं घट जाते हैं तथा ग्लूकोज को शरीर की सभी कोशिकाओं तक अच्छे से पहुंच कहा जाता है।
3.दवाइयां
खाने वाली गोरिया तभी प्रभाव कारी कुर्ती में जबकि शरीर में इंसुलिन उत्पन्न करने की क्षमता बाकी रहे। दवा लेने से पहले अपना सही तरीके से जांच करवाएं आपके ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा कितना है उसी के हिसाब से डॉक्टर को दवाइयां देते हैं। डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाइयों का नियमित रूप से खाने पर डायबिटीज को कंट्रोल कर सकते हैं।
जब खाने वाली दवाइयां काम ना करें तब बाहर से इंसुलिन का प्रयोग किया जाता है।
खानपान
मधुमेह रोगी खाने को किस प्रकार खाएं?
- थोड़ी-थोड़ी मात्रा में खाएं: मांस मछली दुग्ध पदार्थ और पोल्ट्री पदार्थ।
- समुचित मात्रा में लें: फल और सब्जियों को एक बार में अधिक मात्रा में नहीं खाना है थोड़ा-थोड़ा करके ही खाएं।
मधुमेह के रोगियों की डायट प्लान
- सीमित फल: कम कैलोरी वाले कम मीठे कम पके अमरूद सेब काला जामुन हुआ खरबूजा आदि।
- कृत्रिम मिठास: जैसे सोडियम साइकिल आमेट स्वीटेक्स शुगर फ्री जैसे शुगर मरीजों के लिए अलग से आता है।
- खाद्य पदार्थों बिल्कुल कि नहीं खाना चाहिए: गुड़ शक्कर ग्लूकोस शहर मिठाइयां इन चीजों को एकदम से त्याग देना है।
- वह खाद्य पदार्थ जो काम लेना है: आम केला अंगूर शकरकंद आलू पपीता इन फलों को सीमित मात्रा में खाए।
- शुगर मरीज को खाने योग्य खाद्य पदार्थ: हरे पत्ते वाली सब्जियां सलाद अचार चटनी छाछ नींबू पानी बिना शक्कर वाले चाय कॉफी इत्यादि।
मधुमेह रोगी के लिए व्ययाम
मधुमेह रोगियों को किस प्रकार का एक्सरसाइज करना चाहिए।
- दौड़ना
- तेज रफ्तार से चलना
- सीढ़ी चढ़ना उतरना
- साइकिलिंग करना और कुर्सी की कसरत इत्यादि
एक्सरसाइज मधुमेह रोगियों को प्रतिदिन जरूर करना चाहिए।
किसी भी व्ययाम को शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेना ना भूलें कुछ व्ययाम अन्य समस्याओं को ज्यादा बढ़ा सकती हैं।
मधुमेह होने पर कब व्ययाम नहीं करना चाहिए
मधुमेह रोगी को किन परिस्थितियों में बयान करना वर्जित है।
- जब पेशाब में किटोंस आते हो
- दृष्टिमंद या धुधली होती जा रही हो
- ज्यादा कमजोरी के लक्षण दिखाई पड़े
- सांस लेने में कठिनाई या सांस ठीक से ना लें पाने का अनुभव हो रहा हो
- चक्कर आते हो या कोई अन्य समस्या हो।
डायबिटीज में पैरों की देखभाल
मधुमेह के रोगियों को अपने पैरों का विशेष ध्यान रखना चाहिए पैरों की उचित सुरक्षा तथा सही जूते चप्पल पहनने से मधुमेह के मरीज अपने आप को गंभीर हानि से बचा सकते हैं।
- अपने पैरों को प्रतिदिन गुनगुने पानी व साबुन से धोएं ठीक वैसे ही जैसे आप अपने हाथ धोते हैं।
- पैरों को और पैरों की उंगलियों के बीच की जगह को ठीक से सुखाय।
- पैरों की उंगलियों के नाखून को सीधा कटे अंदर ही पढ़ने वाले नाखून तथा मांसपेशी की घाटों पर खास ध्यान दें।
- पैरों की त्वचा को मुलायम रखने के लिए मॉइश्चराइजिंग अनामी वाले लोशन का इस्तेमाल करें परंतु इसे पैर की उंगलियों के बीच ना लगाएं।
- अपने पैरों में सही माप वाले धुले हुए साथ मुलायम मुझे अथवा स्टॉकिंग पहने।
- अपने पैरों को सूखा हुआ घर में रखें मौसम के अनुसार उन्हें अथवा सूती मोजो अथवा स्टॉकिंग और चमड़े के जूते का प्रयोग करें।
- घर के बाहर अथवा अंदर कहीं भी नंगे पैर ना चले।
- अपने पैरों के सही माप वाले जूते अथवा सैंडल पहने।
- अपने जूते की जांच करें कि उनमें कंकड़ पत्थर मिलवा दरार तो नहीं जो पैरों की त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
अपने पैरों की ठीक से देखभाल करें प्रतिदिन तेज चलने से पैरों में रक्त संचार की ठीक रहता है पता आप आराम महसूस करेंगे।
डायबिटीज मरीज की आंखों की देखभाल
- डायबिटीज रोगियों में आंखों की बीमारियां सामान्य व्यक्ति की अपेक्षा 20% अधिक मात्रा में होती है।
- प्रमुख लक्षण सिर दर्द आंखों से पानी आना काले धब्बे देखना चश्मे के नंबरों का निरंतर बदलते रहना।
- डायबिटीज रोगी को 30 से 40 साल की उम्र में ही मोतियाबिंद हो जाता है।
- हर मधुमेह के रोगी को वश में एक बार आंखों की जांच अवश्य करनी चाहिए।
गर्भवती महिलाओं में डायबिटीज
कई बार डायबिटीज के बाद में पहले पता नहीं होता परंतु एकाएक गर्भावस्था के दौरान पता चलता है गर्भवती महिलाओं में इंसुलिन के बने या अधिक मात्रा में बनने में विघ्न पढ़ने की वजह से यह समस्या हो सकती है।
- हर गर्भवती महिला को डायबिटीज के लिए जांच करानी चाहिए।
- खाली पेट तथा बिना खाली पेट ब्लड शुगर करण सा सामान्य स्तर में होना चाहिए।
मधुमेह में दांत की समस्या
मधुमेह रोगियों को मसूड़ों एवं दातों की अधिक समस्याएं होती हैं, क्योंकि इन लोगों में बड़े भैया बोले सुबह के कारण मसूड़ों में बैक्टीरियल इंफेक्शन हो जाता है जो आगे चलकर दांतो को कमजोर कर देता है मधुमेह के रोगियों को यह सावधानी लेनी चाहिए।
- मिठाइयां एवं ठंडे कार्बोनेटेड पेयजल का सेवन न करें।
- भोजन करने के बाद दांतों को नर में ब्रश से अच्छी तरह से साफ करें।
- मसूड़ों की उंगली से मालिश करें एवं दांतो के बीच की जगह को धागे से सफाई करें।
- आवश्यकता होने पर अपने दंत चिकित्सक से संपर्क करें।
मधुमेह में आपातकालीन स्थिति
मधुमेह में दो प्रकार की आपातकालीन स्थिति हो सकती है।
हाइपोग्लाइसीमिया | हाइपोग्लाइसीमिया | |
खून में ग्लूकोज की मात्रा अधिक होने पर। | खून में ग्लूकोज की मात्रा बहुत कम हो जाना | |
कारण.1 | खाने पीने में सावधानी से परियोजना करना।1 | बहुत अधिक इंसुलिन इस्तेमाल करना उपवास रखना या इंसुलिन का टीका लगा लेना। |
2. | इंसुलिन का टीका न लगाना या गोलियां नही खाना | बहुत अधिक व्यायाम कर लेना खाना देर से खाना |
3. | शरीर में रोग का होना या बुखार आना | |
4. | तनावपूर्ण मानसी स्थित | |
ध्यान देने योग्य बातें | कमजोरी और पेट में दर्द होना। | बहुत अधिक पसीना आना |
अगर रोगी बेहोश नही हो खूब मात्रा में पानी पीना चाहिए | भूख लगना |
कुछ बातें जो मधुमेह रोगी को ध्यान रखना चाहिए?
- अगर मां-बाप को मन में रोग है तो बच्चों को अपने वजन एवं खानपान पर ध्यान देना चाहिए वजन के बढ़ने के साथ-साथ मरने की संभावना बढ़ जाती है।
- संतुलित आहार एवं नियमित व्यायाम आपकी मधुमेह को नियंत्रण में रख सकता है।
- कभी-भी किसी के कहने पर अपनी दवाइयां को ना बदले कभी भी दवाइयां को अल्कोहल के साथ ना लें।
- मधुमेह को रोगी जो धूम्रपान करते हैं या तंबाकू का सेवन करते हैं इनको हार्ट अटैक अंधापन न्यू पैरों में खराबी की संभावना हो जाती है।
- अधिक भोजन यह सोचकर ना करें की मैं एक गोरी और अधिक ले लूंगा कभी भी किसी जादुई दवा के चक्कर में अपनी दवाइयां देना बंद ना करें।
- अगर दवाइयां से मन में नियंत्रण में नहीं है तो इंसुलिन देने की सलाह मिलने पर इसका सेवन करें अनदेखा न करें क्योंकि मधुमेह की जटिलताएं आपके रहन-सहन एवं दैनिक जीवन के कार्यक्रम में विविधता पैदा कर सकते हैं।