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प्राथमिक चिकित्सा क्या क्या है दुर्घटना होने पर कैसे क्या करें।

प्राथमिक चिकित्सा कुछ दुर्घटनाएं एवं सावधानियां एवं उसके उपचार कभी-कभी सावधानी न बरतने पर दुर्घटनाएं हो जाते हैं आपने सुना भी होगा कि सावधानी हटी दुर्घटना घटी घटनाएं अत्यंत बुरी होती हैं इससे व्यक्ति को चोट पहुंच सकती है घाव हो सकते हैं तथा व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है इसलिए हमें अपने कार्य के प्रति सावधान रहना अत्यंत आवश्यक है कोई भी कार्य सावधानी तथा हड़बड़ी में नहीं करना चाहिए क्योंकि दुर्घटना से देर भली होती है।

चलिए मास की जानकारी में जानते हैं हमें कौन सी दुर्घटनाएं हो सकती हैं और दुर्घटना होने पर हम प्राथमिक चिकित्सा में क्या-क्या कर सकते हैं और कैसे सावधानियां बरत सकते हैं।

प्राथमिक चिकित्सा- दुर्घटना एवं उनकी सावधानियां

1.सड़क दुर्घटनाएं

सड़कों पर आजकल भीड़-भाड़ बहुत होती है जिसके परिणाम स्वरुप दुर्घटनाएं बहुत होती है तथा अधिकांश घटनाएं बहुत खतरनाक होते हैं अतः सड़क पर चलने समय सड़क पार करते समय निम्नलिखित नियमों का पालन करना चाहिए।

  • ट्रैफिक लाइट के सिग्नल अथवा यातायात पुलिस के निर्देशों का पालन करें। जहां लाल बत्ती रुकने पीली बत्ती इंतजार करने तथा हरी बत्ती जाने का संदेश है।
  • पैदल चलने के लिए पैदल पथ का ही प्रयोग करना चाहिए। यह सड़क के किनारे चलना चाहिए।
  • सदैव जेबरा क्रॉसिंग से ही सड़क पार करनी चाहिए ज़ेबरा क्रॉसिंग सड़क पर सफेद तथा काली पार्टियों की होती हैं सड़क तभी पार करनी चाहिए जब गाड़ियां आ जा ना रही हो।
  • बड़े शहरों में जैसे दिल्ली मुंबई में अत्यधिक गति का ट्रैफिक होने के कारण भूमिगत पैदल पार पर बनाए गए हैं।

2.आग से दुर्घटनाएं

आग मानव के लिए अत्यंत उपयोगी है परंतु यह जब अनियंत्रित हो जाए तब यह बहुत विकराल रूप धारण कर लेती है तथा जनधन की बहुत हानि पहुंचती है आग लगने का मुख्य कारण आसावधानियां है।

आग लगने के मुख्य कारण

  • गैस स्टोव पर खाना बनाते समय यदि नायलान या सिंधी कपड़े पहने हो तो आग लगने का खतरा रहता है क्योंकि यह कपड़े अतिशीघ्र आग पकड़ लेते हैं।
  • दीपावली पर जब बच्चे पटाखे छोड़ते हैं
  • यदि घर में बिजली की वायरिंग में खराबी हो तो शॉर्ट सर्किट होने का खतरा बना रहता है।
  • रसोई घर में यदि गैस सिलेंडर लिख कर रहा हो तो
  • सिगरेट या बीड़ी को बिना बताए फेंक दिया जाए तो

सावधानियां

  • आपकी दुर्घटनाओं से बचाव किया जा सकता है दीपावली पर पटाखे जलाते समय उचित दूरी बनाए रखें तथा पटाखों को बड़ों की उपस्थिति में जलाएं।
  • समय-समय पर वायरिंग की जांच करते हुए रखना चाहिए।
  • नायलान या सिंथेटिक कपड़े पहन कर आंख के पास नहीं जाना चाहिए
  • सोने से पूर्व रसोई घर में रखे सिलेंडर के रेगुलेटर को बंद कर दें।

आग पर नियंत्रण कैसे पाएं।

यदि केरोसिन के तेल पेट्रोल इत्यादि से लगी है तो उस पर पानी नहीं डालना चाहिए क्योंकि पानी पर केरोसिन करने लगता है और लगातार चलता रहता है इसीलिए इस प्रकार की आग को बुझाने के लिए मिट्टी अब आलू फेंकना चाहिए।

यदि किसी व्यक्ति के कपड़ों में आग लग जाए तो उसे मोटे कमल से ढक देना चाहिए ऐसा करने से वायु की आपूर्ति बंद हो जाएगी तथा आग जल्दी बुझेगी।

यदि आग बुझाने वाला यंत्र उपलब्ध है तो उसका प्रयोग कर आग पर नियंत्रण का प्रयास करना चाहिए इससे अधिक आएगा हो।

3.जलने पर प्राथमिक उपचार

जलने पर प्राथमिक उपचार की तुरंत आवश्यकता पड़ती है इसके लिए निम्नलिखित कार्य करने चाहिए।

  • जले हुए व्यक्ति को इस प्रकार नीचे लिटाया कि मरीज का सीना मशीन से शरीर से नीचा हो
  • जलेबियां को ठंडा करने के लिए एक साफ कपड़े या रुई को बेकिंग सोडा के घोल में भिगोकर लगाना चाहिए।
  • जले हुए व्यक्ति को अधिक से अधिक तरल पदार्थ या पानी दे।
  • गांव पर रिया जले हुए भाग को साफ कपड़े से ढक दें। जिससे कि रोगाणुओं का प्रवेश ना हो सके।
  • यदि गांव अधिक है तो तुरंत चिकित्सक को बुलाएं या मरीज को अस्पताल में ले जाएं।
  • छोटे गांव पर बरनाल या अन्य एंटीसेप्टिक लगाएं।

4.हड्डी का टूटना (फ्रैक्चर)

किसी व्यक्ति के गिरने के कारण उसकी हड्डी ही टूटती है। हड्डी का टूटना या चटकना ही फैक्चर कहलाता है। फ्रैक्चर दो प्रकार के होते है।

पहला साधारण फ्रैक्चर इसमें हड्डियां टूटने के पश्चात अपनी जगह पर ही स्थिर रहती हैं।

दूसरे प्रकार के फेक्चर में हड्डियां टूट कर मांस में गिर जाते हैं जिसके कारण गंभीर घाव बन जाता है। हड्डी टूटने पर क्षतिगस्त अंग में अत्यधिक दर्द होता है वह आसानी से गति नहीं कर सकता है। तथा व्यंग सोचकर मोटा हो जाता है क्षतिग्रस्त अंकों किसी और वस्तु से छूने पर दर्द और तेज हो जाता है हड्डी टूटने के लक्षण होते हैं।

हड्डी टूटने या फ्रैक्चर होने पर उपचार क्या करें।

  • पिक्चर में टूटी हुई हड्डी को प्राप्त सहारे की आवश्यकता होती है ताकि आगे कोई समस्या ना पड़े।
  • पीड़ित व्यक्ति को हिलने डुलने ना दिया जाए
  • इसे इस प्रकार कपड़े या बैंडेज से बांधे ताकि टूटी हुई हड्डी के टुकड़े इधर-उधर अपनी जगह से नहीं किसके।
  • यदि हाथ की हड्डी में फ्रैक्चर है तो इसे चित्र अनुसार दूसरे सहारे से अभी तक खाना चाहिए।
  • यह थी पैर की हड्डी में फ्रैक्चर है तो उनको बांस की पट्टी से सहारा दे कथा भक्तों को सीधा लिटा दे घायल पैर को क्या खिलाने ना दें तथा उसे स्ट्रेचर पर रखकर अस्पताल ले जाएं।

5.सांप के काटने पर क्या करें

यदि कोई विषैला सांप किसी व्यक्ति को काट ले तो वह उसके लिए बहुत खतरनाक होता है पीड़ित व्यक्ति को तुरंत उपचार देना चाहिए सर का भी शरीर में बहुत तेजी से फैलता है यह थे तथा नाड़ी तंत्र पर पहुंचते जिसे प्रभाव डालता है जिससे कि व्यक्ति की मृत्यु हो सकती हैं।

उपचार क्या करें

  • गांव के स्थान से जितना जल्दी हो सके तुरंत जहर निकालने का प्रयत्न करें इसके लिए उस स्थान पर आधा सेंटीमीटर गहराई था ब्लेड से काट कर चीरा गुणात्मक आकार में लगाएं।
  • कटे हुए स्थान से थोड़ा ऊपर खूब कस कर एक बैंडेज बांध दें ताकि बिश शरीर के अन्य भागों में ना पहुंच जाए
  • गांव के ऊपर बर्फ की थैली रखें
  • तुरंत चिकित्सक को दिखाएं
  • ऐसी स्थिति में कभी भी अल्कोहल का प्रयोग ना करें तथा गांव के आसपास पट्टी बांधने में तारों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

6.गिरना या क्या कटने पर क्या करें

घर में फर्श और सदैव साहब तथा सूखा रखें पीला तथा फिसलन भरा फर्श दुर्घटना का कारण बन सकता है इस बात का भी ध्यान रखें की सीढ़ियों पर कभी भी दौड़ कर चलना है उतना नहीं चाहिए।

चाकू ब्रेड कैची लोहे तथा कांच के खिलौने से नहीं खेलना चाहिए सुई या अन्य कोई नुकीली वस्तु फर्श या बिस्तर पर नहीं रखना चाहिए इन सभी बातों से कभी भी शरीर को हानि पहुंच सकती है गधा डॉक्टर की आवश्यकता पड़ सकती है।

ज्ञानवर्धक बातें-इन बातों को जरूर ध्यान में रखें

  • दुर्घटनाओं का कारण है असावधानी
  • आग जलने से जन तथा धन दोनों को हानि पहुंचती है
  • जलने पर तुरंत उपचार की आवश्यकता है।
  • कभी भी भूख से अधिक भोजन नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने पर वह भी सकता होने का खतरा होता है।
  • सड़क पर चलते समय नियमों का पालन करना चाहिए।
  • आग बुझाने वाले यंत्र में कार्बन डाइऑक्साइड गैस भरी होती है।
  • कुत्ते के काटने से रेबीज नाम की एक खतरनाक बीमारी होती है।
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