आज भारत जैसे देश मे जहाँ लांखो लोग गरीबी एवं बेरोजगारी से झूझ रहे है। वहाँ मनरेगा (MNREGA) एक क्रांतिकारी कदम है। यदि इस योजना का क्रियान्वयन ग्रामीण क्षेत्रों में ईमानदारी से किया गया। तो 2020 तक देश मे अमन एवं सुखद अवसंरचनात्मक परिवर्तन होगा।

NAREGA कब और कहा लागू किया गया था ?
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MNREGA) भारत मे लागू एक रोजगार गारंटी योजन हैं। जिसे 25 अगस्त 2005 को विधान द्वरा अधिनियमीत किया गया। यह योजना प्रत्येक वित्तीय वर्ष में किसी भी ग्रामीण के वयस्क सदस्य को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराती है। जो प्रतिदिन 220 रुपये संबंधित न्यूनतम मजदूरी पर कार्य करता है ग्रामीण बेरोजगार, भूख और गरीबी से छुटकारा पाने के लिए केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (NREGA- Mahatma Gandhi National Rural Employment guarantee Act) का शुभारंभ 2 फरवरी 2016 को आंध्र प्रदेश के अनन्त पुर प्रधानमंत्री द्वरा किया गया योजना है।
प्रारंभ: 2007-07 में 200 जिलों में
विस्तार: 2007-08 में 330 जिलों में
विस्तार; 2008-09 में 632 जिलों मे
NAREGA से MAREGA नाम परिवर्तन कब किया गया ?
मनरेगा को पहले नरेगा के नाम से जाना जाता था लेकिन 2 Octobar, 2009 को नरेगा से नाम के परिवर्तित करके मनरेगा कर दिया गया था। बहुत से ऐसे परिवर्तन किए गए और कुछ अभियान भी मनरेगा के साथ जोड़ा गया। जैसे- पूर्ण स्वच्छता अभियान (TSC) के साथ मनरेगा के अभिसरण (Convergence) किया गया है।

मनरेगा योजना का इतिहास ?
संसद में बतौर कानून की शक्ल लेने के बाद प्रारंभ इस योजना को पहले चरण में देशभर के चुने हुए 200 जिलों में लागू किया गया था। इस योजना के अंतरगत हर ग्रामीण परिवार के सक्षम और इछुक व्यक्ति को। साल में न्यूनतम (Minimum) 100 दिनों का काम दिया जाता है।
इस योजना के तहत गांव में स्थायी परिस्पति या बुनियादी संरचना का निर्माण किया जाता है। जो बाद में गांव के लोगो के जीविकोपार्जन में मदत कर सके। योजना की विभिन्न विशेषताओ में उल्लेखनीय तथ्य यह है कि इसमें यदि काम नही मिलता तो। मजदूरी भत्ता दिया जाता है। और काम करने की जगह मजदूरों के घर से 5 KM की दूरी से ज्यादा नही होती है। और महिला श्रमिकों को अपने बच्चों के साथ रखने की सुविधा भी दी जाती है।
नरेगा योजना के तहत पंचायतों को यह अधिकार दिया जाता है। कि काम चाहने वालों की अर्जी का पूरा अध्ययन करें। और उसे 15 दिन के भीतर काम देना सुनिश्चित करें। काम के बदले अनाज कार्यक्रम को अब राष्ट्रीय ग्रामीण योजन गारंटी योजना में समाहित किया कर दिया गया।
देश के मनरेगा के विस्तार कब हुआ ?
वर्ष 2007-8 में इस योजना का विस्तार 380 जिले में कर दिया गया। वर्तमान में इसका सम्पूर्ण देश के 632 जिलों में कर दिया गया। और वर्ष 2013-14 तक इस योजना के तहत 4.78 करोड़ से भी अधिक परिवारों को रोजगार दिया जा चुका था।
इस वर्ष 33,000 करोड़ से भी अधिक के व्यय से 213 करोड़ से भी अधिक श्रम दिवस का रोजगार सृजित किया गया है। इस योजना के तहत दैनिक औसत पारिश्रमिक दर वर्ष 2006-07 के 65 रुपये से बढ़कर वर्ष 2013-14 में 132 रुपये के स्तर पर पहुंच गई है
MNREGA में जॉब करने की प्रक्रिया क्या है?
ग्रामीण परिवारों के वयस्क सदस्य, ग्राम पंचायत के पास एक तस्वीर के साथ अपना नाम, उम्र और पता जमा करते हैं। जांच के बाद पंचायत, घरों को पंजीकृत करता है और एक जॉब कार्ड प्रदान करता है।
जॉब कार्ड में, पंजीकृत वयस्क सदस्य का ब्यौरा और उसकी फोटो शामिल होती है। एक पंजीकृत व्यक्ति, या तो पंचायत या कार्यक्रम अधिकारी को लिखित रूप से (निरंतर काम के कम से कम चौदह दिनों के लिए) काम करने के लिए एक आवेदन प्रस्तुत कर सकता है। आवेदन दैनिक बेरोजगारी भत्ता आवेदक को भुगतान किया जाएगा।
इस अधिनियम के तहत पुरुषों और महिलाओं के बीच किसी भी भेदभाव की अनुमति नहीं है। इसलिए, पुरुषों और महिलाओं को समान वेतन भुगतान किया जाना चाहिए। सभी वयस्क रोजगार के लिए आवेदन कर सकते हैं।
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