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Rubella क्या है लक्षण, कारण, उपचार एवं टीकाकरण की जानकारी

Rubella क्या है इसके वायरस के बारे में पूरी जानकारी मनोविज्ञान मेडिकल क्षेत्र में तेजी से तरक्की कर रहा है। लेकिन इसके परिणाम स्वरूप हम पुरानी बीमारियों पर विजय पाते जा रहे हैं। परंतु नई-नई बीमारियां भी पैदा हो रही हैं। हर कुछ दिनों के बाद हम एक नए बीमारी के बारे में सुनते हैं।

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इसके चलते कई राज्यों में टीकाकरण अभियान भी चलाए जाते हैं। रूबेला का टीका 100% सुरक्षित है परंतु जो बच्चे बीमार है या जिनका का बीमारी का कोई इतिहास रहा है उनको टीका से कुछ छोटी-छोटी परेशानियों का सामना पड़ सकता है।

रुबेला क्या है लक्षण,कारण, उपचार एवं टीकाकरण की पूरी जानकारी

रुबेला क्या है (Rubella in Hindi)

रूबेला एक संक्रामक रोग है जिसे हम जर्मन खसरा (German Rubella) भी कह सकते हैं। यह रोग वर्तमान के समय में सबसे अधिक तेजी से फैलने वाला रोग में से एक है।
यह टिके द्वारा आसानी से रोके जाने वाला संक्रमण है। ये खासकर लोगो के शरीर में लाल चक्तो में पाया जाता है।

रुबेला कैसे फैलता है।

रूबेला वायरस हवा के संपर्क में काफी ज्यादा तेज फैलता है। यह एक व्यक्ति से चुम्बन, खासने, छीकने से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है।
इसका वायरस सिर्फ इंसानों से ही फैलता है यह एक से फैलने वाली बीमारी है जिसके कारण हल्का बुखार, यानी कि लाल दाने होते हैं। जो आपके चेहरे और गर्दन से शुरू होते हैं और पूरी शरीर में हो सकते हैं।

रुबेला का वायरस (Rubella Virus)

रुबेला जिस वायरस से फैलता है उसे rubella Virus यानी कि रूबी वायरस भी कहा जाता है। इसकी वजह से होने वाला संक्रमण है बुखार और लाल चकत्ते के साथ आम तौर पर यह मामूली होता है। इस से होने वाले संक्रमण कुछ लोगों में इसका लक्षण नहीं दिखाई देता है नीचे हम इसके हिंदी में लक्षण के बारे में बताएंगे।

रुबेला के लक्षण (Rubella Sign and Symptoms)

यदि आपको यह होता है तो इसके निम्न लक्षण हम आपको नीचे बता दे रहे हैं इससे आप इसकी पहचान कर सकते हैं

  • जोड़ों में दर्द
  • हल्का बुखार
  • मिचली
  • सूजी ग्रंथियां
  • भूख ना लगना
  • चेहरे में चकत्ते जो धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैल जाते हैं
  • सिर दर्द
  • आंखो में सूजन आं
  • आंखो का लाल होना
  • मांस पेशियों में दर्द

रूबेला के सभी लक्षण आप देख सकते हैं।

कारण (Cause)

करण की बात करें तो यह संक्रमित व्यक्ति के यहां से अच्छे गने पर हवा द्वारा संपर्क से फैल जाता है। यह संपर्क व्यक्ति के निकट संपर्क उसके द्वारा उपयोग में लाई जाने गई वस्तुओं के प्रयोग से ही फैल जाता है।

गर्भावस्था में रुबेला (Rubella in Pregnancy)

अभी तक रूबेला के जितने भी केस सामने आए हैं। उनमें सबसे अधिक प्रभावित गर्भवती महिला और उन में होने वाले बच्चे हैं।जैसे कि हमने पहले ही बताया यह वायरस से फैलने वाला रोग है और यह अगर मां को हो जाता है तो सीधे उसके होने वाले बच्चे को भी प्रभावित करता है।

रूबेला गर्भवती महिला के बच्चे के यह सबसे ज्यादा खतरनाक होता है इसकी वजह से गर्भपात या जन विकार हो सकता है।
किसी महिला को गर्भावस्था के दौरान रुबेला संक्रमण होने पर यह संक्रमण विकसित हो रहे ढूंढ तक पहुंच सकता है। ऐसे में गर्भावस्था ओं को सहज गर्भपात या अपरिपक्व जन्म का जोखिम होता है।

यदि भ्रूण बच सकता है तो बच्चे को भाई रूप से जन्म संबंधी विकृतियां हो सकते हैं जिससे बहरापन आंखों की खराबी हृदय संबंधी समस्याएं और अन्य समानताएं पाई जा सकती हैं।

रुबेला टीकाकरण (Rubella Vaccine)

रूबेला वैक्सीन मुख्य रूप से रूबैल्ला के लिए काम में आती है और खसरा गलसुआ जैसे बीमारी के लिए भी रूबैल्ला वैक्सीन का उपयोग किया जाता है

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रूबैल्ला वैक्सीन भविष्य के संक्रमण के विरुद्ध रक्षा के लिए एंटीबॉडी का उत्पादन करने के लिए शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली की सहायता करता है यह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली रूबेला वैक्सीन की खुराक है।
कृपया याद रखें कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है। इसीलिए रोक दवाई देने के तरीके रोगी की आयु रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर रूबैल्ला वैक्सीन की खुराक अलग हो सकती है।

रुबेला के लिए जांच (Rubella Test)

रूबेला का पता लगाने के लिए प्रयोगशाला में परीक्षण प्रक्रिया किया जाता है जिसमें रोगी के खून का सैंपल लिया जाता है और उसमें रूबेला एंटीबॉडी की उपस्थिति का पता लगाया जाता है

Normal Range

7 IU/mL से कम result आने पर यह Negative होता है। रूबेला के कोई भी सिग्निफिकेंट लेबल नहीं मिले हैं।

क्या खाना चाहिए

साबुत अनाज और सब्जियां एंटीऑक्सीडेंट युक्त आहार जैसे जामुन स्ट्रॉबेरी,चेरी,संतरे,टमाटर,गाजर,पालक, सेब और नाशपाती खाने
भोजन पकाते समय स्वास्थ्य वर्धक तेल जैसे जैतून या वनस्पति तेल का प्रयोग करें।
विटामिन ए सी ई डी बी कांप्लेक्स विटामिंस और विशेष खनिज जैसे मैग्निशियम कैलशियम सिंह और सेलेनियम का भी प्रयोग करें।

क्या नहीं खाना चाहिए

परहेज में आपको दूध पनीर अंडे और आइसक्रीम तथा रासायनिक भोज ना खाएं भुने हुए आहार जैसे कुकीज केक्स ना खाएं

मांस मछली ना खाएं

काफी और अन्य उत्प्रेरक शराब और तंबाकू ना खाएं

कुछ घरेलू उपचार

पानी अधिक मात्रा में पिए बिस्तर पर पूर्ण रूप से आराम करें सूजी भी ग्रंथियों से नरम करने हेतु घर में और नाम तो लियों का प्रयोग करें

रुबेला के इलाज

इस रोग को रोकने के लिए m.m.r. जिसमें एमएमआरवी की के द्वारा टीकाकरण किया जाता है। अगर हम इसके उपचार की बात करें तो इसका कोई विशेष उपचार उपलब्ध नहीं है। यह विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी कि डब्ल्यूएचओ के अनुसार टीकाकरण का एक उपचार है।

इस से संक्रमित व्यक्ति को आम तौर पर अलग एक कमरे में रखें क्योंकि इसके संपर्क में आने से या किसी और को भी हो सकता है।

घरेलू उपचार

  • पानी अधिक मात्रा में पिए
  • जादा से जड़ा आराम करें
  • सूजी हुई ग्रंथियों के लिए नरम तकिए का प्रयोग करें

रूबेला का इलाज ना होने पर होने वाली समस्याएं

रूबेला का इलाज 1 सप्ताह के अंदर हमें जरूर करवाना चाहिएयदि इसका इलाज जल्द से जल्द ना किया जाए तो इसकी समस्या बढ़ सकती है जैसे-

  • विकास मंदता
  • मोतियाबिंद
  • गठिया
  • वाइट इस मीडिया
  • बहरापन जन्मजात
  • हृदय दोष
  • मानसिक मंदता

रुबेला ठीक होने में कितना समय लगता है

यह ठीक होने में 7 से 10 दिन में इसके लक्षण कम हो जाते हैं रोग आमतौर पर ठीक हो जाता है।

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