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Pregnancy Ultrasound- गर्भावस्था में अल्ट्रासाउंड सोनोग्राफी कब किया जाता है ?

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गर्भावस्था में अल्ट्रासाउंड कब और कैसे किया जाता है। जैसे ही कोई औरत प्रेगनेंसी में होती है तो अक्सर उसके दिमाग में यह चलता रहता है कि हमें अल्ट्रासाउंड कब करवाना चाहिए या कब किया जाता है क्यों अल्ट्रासाउंड सोनोग्राफी जरुर करवानी चाहिए और सोनोग्राफी होती कैसे हैं .

कई लोग तो ए भी सोचते हैं। कि इससे हमारी बेबी को कोई नुकसान तो नहीं होगा हमें प्रेगनेंसी में कितनी बार सोनोग्राफी करानी चाहिए तो आज की जानकारी में हम बात करने वाले हैं प्रेगनेंसी में सोनोग्राफी कब करवानी चाहिए क्यों करवानी है और कितनी बार करवानी है। तो आप हमारे इस जानकारी को पूरा ध्यान से पढ़ें।

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कई लोग यह सोचते हैं यदि हम ज्यादा सोनोग्राफी कराएंगे तो हमारे बेबी को कोई समस्या तो नहीं होगी पर ऐसा बिल्कुल भी नहीं है ऐसा कोई भी समस्या सामने नहीं आई है जिसे सोनोग्राफी कराने से किसी को कोई समस्या हो यदि आपके डॉक्टर करवाना चाहते हैं तो आपको सोनोग्राफी जरुर करवा लेना चाहिए।

प्रेगनेंसी में अल्ट्रासाउंड सोनोग्राफी करवाना जरूरी क्यों है

  • जब आपकी प्रेगनेंसी का पहला ट्राइमेस्टर चल रहा होता है तब आपको सोनोग्राफी के जरिए ही पता लगा सकते हैं कि आपके बच्चे की जन्म की समय सीमा कब है डिलीवरी डेट क्या है।
  • साथ ही साथ छठे हफ्ते में सोनोग्राफी के जरिए आपके बच्चे के दिल की धड़कन को भी सुन सकते हैं और ए भी पता लगाया जा सकता है कि आपके गर्भ में कितने बच्चे पल रहे हैं।
  • साथ ही साथ यह भी पता लगा सकते हैं कि आपके गर्भ में सिंगल बेबी है या ट्विंस बेबी है।
  • अल्ट्रासाउंड करवाने से ये पता लगता है कि आपके गर्भ में पल रहा बच्चा लड़का है या लड़की है हालांकि इंडिया में जनरल जेंडर को बताना कानूनी अपराध है तो आपको ऐसा बिल्कुल भी नहीं करवाना है।
  • उसके साथ साथ हमें ये भी पता चल जाता है कि हमारी बच्चे को किसी भी तरह की कोई प्रॉब्लम तो नहीं है और जो भ्रूण की वृद्धि हो रही है अच्छी तरह से हो रही है या नहीं
  • वही आप प्रेगनेंसी के थर्ड ट्रिमेस्टर में आप यह पता लगा सकते हैं कि आपकी बेबी के सभी अंगों का विकास सही तरीके हो रहा है या नहीं । या फिर जो आपकी बेबी है वह सही पोजीशन में है या नहीं है।
  • आप सोनोग्राफी के जरिए भी पता लगा सकते हैं कि मां की बॉडी में जो इम्यून प्रोडक्शन का लेबल है वह सही है या नहीं है यदि आपके अंदर इम्यून रिप्रोडक्शन सही नहीं है तो आपकी बीवी को भी विकास करने में थोड़ी समस्या हो सकती हैं और साथ ही साथ यह भी पता लगाया जा सकता है बेबी के अंदरूनी अंगों का विकास है उसी तरीके से हुआ है या नहीं

सोनोग्राफी कैसे की जाती है

सोनोग्राफी करने के लिए सबसे पहले प्रेग्नेंट औरत को एक बेड पर लिटा दिया जाता है। उसके पेट पर ठंडा जेल लगाया जाता है। जेल लगाने के बाद एक मशीन होती है जिससे ट्रांस ट्यूशन कहा जाता है उसे पेट पर गुमाया जायेगा तो उससे जो तरंगे निकलती है। वह कंप्यूटर की स्क्रीन पर एक चित्र बनाते हैं। इससे पता चलता है कि आपकी बेबी कैसा है और उसका डेवलपमेंट कैसा है सोनोग्राफी कराने से प्रेग्नेंट महिला को किसी भी प्रकार का दर्द नहीं होता है। यह एक पीड़ा रहित प्रक्रिया है हां वह जो जल लगाया जाता है उससे आपको ठंड महसूस होता है पर आपको उससे कोई भी समस्या नहीं होती है।

प्रेगनेंसी में पहला अल्ट्रासाउड कब होता है।

पहला सोनोग्राफी है वह छठे हफ्ते में के करवाया जाती है। जो आपका लास्ट पीरियड के डेट है उसे 6 हफ्ते बाद जो तारीख होती है तो आपको डॉक्टर सोनोग्राफी के लिए बोलेंगे छठे हफ्ते की सोनोग्राफी बहुत ही जरूरी होती है।

गर्भावस्था में अल्ट्रासाउंड सोनोग्राफी कब किया जाता है।

सोनोग्राफी के जरिए हमें इंटरनली गर्भावस्था की एक इमेज मिल जाती है जिसके जरिए ग्रोथ बच्चे का विकास सही से है या नही देखा जाता है। तो बात करते हैं अल्ट्रासाउंड कितनी बार करना चाहिए और कब कब करवाना चाहिए प्रेगनेंसी में कम से कम 4 बार अल्ट्रासाउंड किया जाता है चार बार डॉक्टर आपको सोनोग्राफी के लिए बोलते हैं। यदि आपका हाई रिस्क प्रेगनेंसी है। जैसे कुछ बच्चे में ग्रोथ प्रॉब्लम दिखाई दे रही है। पानी की प्रॉब्लम दिखाई दे रही है या फिर मां को कोई मेडिकल कंडीशन है जैसे ब्लड प्रेशर, शुगर इसमें से है तो बच्चे की मॉनिटरिंग के लिए आपको 4 से ज्यादा अल्ट्रासाउंड सोनोग्राफी डॉक्टर द्वारा कराए जा सकते हैं।

लेकिन चार सोनोग्राफी एक प्रेगनेंसी में डॉक्टरों द्वारा कराए जाते है जो पहला सोनोग्राफी है वह छठ में हफ्ते की के बाद किया जाती है। जो आपका लास्ट पीरियड के डेट डेट है उसे 6 हफ्ते बाद जो तारीख होती है तो आपको डॉक्टर सोनोग्राफी के लिए बोलेंगे छठे हफ्ते की सोनोग्राफी बहुत ही जरूरी होती है। वह इसलिए कि उसमें हमें काफी सारी चीजें पता चल जाती है।

गर्भावस्था में कितनी बार अल्ट्रासाउंड होता है।

जैसे ही आप प्रेग्नेंट होते हैं उसके तुरंत बाद आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए और उनके बताए अनुसार सबसे पहले अपना पहला सोनोग्राफी करवा लेना चाहिए। डॉक्टर आपको खुद अल्ट्रासाउंड सोनोग्राफी करवाने के लिए बोलेंगे ताकि वह पता लगा सके कि आपके प्रेग्नेंसी में कोई प्रॉब्लम तो नहीं है यह आपकी बेबी को कोई समस्या तो नहीं है यदि है तो उसे सही समय पर ठीक कैसे किया जा सके।

नॉर्मली प्रेगनेंसी में सोनोग्राफी दो बार कम से कम होती ही है पहले सोनोग्राफी आपकी पहले सेमेस्टर में दूसरी सोनोग्राफी 18 हफ्तों के बाद होती है पर यदि आपके डॉक्टर को लग रहा है कि अल्ट्रासाउंड यानी की सोनोग्राफी एक बार और करना चाहिए तो फिर वह आपकी प्रेगनेंसी में अल्ट्रासाउंड सोनोग्राफी कर सकते हैं।

गर्भावस्था में अल्ट्रासाउड में क्या पता करते है।

  1. जैसे ही कोई महिला प्रेग्नेंट होती है उसका कंर्मेशन यानी की पक्की जानकारी हमें गर्भावस्था में अल्ट्रासाउंड सोनोग्राफी से ही पता चलती है।
  2. बच्चे में धड़कन आई है या नहीं बच्चे के अंदर हार्टबीट आ रही है या नहीं वह भी हमें गर्भावस्था में अल्ट्रासाउंड सोनोग्राफी से पता चलेगा
  3. बच्चे का ग्रोथ कैसा हो रहा है इसके बारे में भी पता लगाने के लिए डॉक्टर आपको सोनोग्राफी करवाते हैं।
  4. सोनोग्राफी के जरिए ही बच्चे का ग्रोथ के बारे में पता चल जाता है उसका ग्रोथ सही तरीके से हो रहा है या नहीं की जानकारी हमें सोनोग्राफी से ही मिल जाती है।
  5. आपके प्रेगनेंसी की डिलीवरी का समय कितना है कितने दिनों बाद आपको डिलीवरी होने वाली है इसके बारे में भी जानकारी सोनोग्राफी से ही पता चलती है।
  6. गर्भावस्था में प्लेसेंटा प्रीविया होता है प्लेसेंटा के बहुत सारे एब्नॉर्मलटीस होती हैं जिसे पता करने के लिए हमें सोनोग्राफी की मदद लेनी पड़ती है वहां पर पता चलता है कि बच्चा इंटीरियर सर्फेस में है या प्लीहा सर्कल के पास एरिया में है या उसके अकॉर्डिंग हम मेजरमेंट दे सकते हैं। यदि बच्चा प्लेसेंटा के पास दिख जाता है तो मां को कोई भारी काम नहीं करना चाहिए उसे आराम करने के लिए बोला जाता है।
  7. सोनोग्राफी के जरिए ही गर्भावस्था के बारे में पूरी जानकारी पता चलती है इसलिए प्रेगनेंसी में अल्ट्रासाउंड सोनोग्राफी बहुत ही जरूरी है।

गर्भावस्था में अल्ट्रासाउंड सभी गर्भवती महिलाओं को कराना चाहिए इसके बहुत सारे फायदे हैं। यदि आपको इस जानकारी से संबंधित कुछ पूछना है तो नीचे कमेंट करके पूछ सकते हैं।

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