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पैरोल और जमानत में अंतर क्या है?

पैरोल और जमानत दो अलग-अलग कानूनी प्रक्रियाएँ हैं, जो व्यक्तियों को कानूनी प्राधिकृतियों के दौरान अस्थायी रूप से आजाद करने में मदद करती हैं। ये दो प्रक्रियाएँ अवधि और उद्देश्य के मामले में भिन्न होती हैं।

पैरोल और जमानत में मुख्य अंतर?

पैरोल:

  1. अवधि: पैरोल वह कानूनी प्रक्रिया है जिसमें एक सजा कायम की जाती है, लेकिन उसे व्यक्ति को जेल से छूटने की अनुमति दी जाती है, परंतु उसे कुछ शर्तों का पालन करना होता है। पैरोल की अवधि निर्धारित होती है और यह सामान्यत: हो सकता है।
  2. उद्देश्य: पैरोल का मुख्य उद्देश्य जेल में सजा कायम करने वाले व्यक्तियों को समाज में पुनर्वापसी करने और उन्हें फिर से समाज में समर्थन और सुरक्षा प्रदान करना है।

जमानत:

  1. अवधि: जमानत एक कानूनी प्रक्रिया है जिसमें व्यक्ति को जेल से छूटने की अनुमति दी जाती है, जब उनकी प्राधिकृतियों द्वारा निर्धारित रकम या मूल्य की जमानत जमा की जाती है। जमानत की अवधि सामान्यत: हो सकती है और जमानत जमा होने के बाद व्यक्ति को कुछ निर्धारित शर्तों का पालन करना होता है।
  2. उद्देश्य: जमानत का मुख्य उद्देश्य यह होता है कि व्यक्ति जेल से छूटने के बाद कानूनी प्राधिकृतियों के साथ कार्यभारपूर्ण तरीके से सहित जा सके, और वे न्यायिक प्रक्रिया के दौरान उपस्थित रहें।

इसके अलावा, पैरोल और जमानत के बीच भिन्न अंश भी हो सकते हैं, जैसे कि पैरोल केस में व्यक्ति को जेल से छूटने के बाद अधिक निगरानी में रखा जा सकता है, जबकि जमानत में यह सुनिश्चित किया जाता है कि व्यक्ति कानूनी प्रक्रिया के दौरान मौजूद होता है।

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