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Chikungunya infection- चिकनगुनिया लक्षण, कारण और बचने के उपाय क्या क्या है?

Chikungunya virus infection- हेलो फ्रेंड्स आज हम आपको बताएंगे कि चिकनगुनिया क्या है, चिकनगुनिया के लक्षण क्या है, और चिकनगुनिया से बचने के उपाय क्या क्या है? आशा है आपको यह जानकारी अच्छी लगेगी।

Chikungunya-virus-infection

चिकनगुनिया एक ऐसी बीमारी है जो पहली बार अफ्रीकी देश तंजानिया में फैली थी।परंतु यह बीमारी किसी महामारी की तरह पूरे देश में फैल चुकी है।

चिकनगुनिया क्या है What is Chikungunya?

चिकनगुनिया विषाणु एक अरबों विषाणु है जो अल्फा विषाणु परिवार के अंतर्गत सम्मिलित है। इसका प्रवेश एडिस मच्छर के काटने से होता है। यह विषाणु डेंगू रोग के समकक्ष लक्षण वाली बीमारी पैदा करता है। चिकनगुनिया शब्द को अफ्रीकन भाषा से गया है इसका तात्पर्य है जो झुका दे। जोड़ों में अधिक पीड़ा होने के कारण इस से पीड़ित रोगी झुक कर चलते हैं।

मानव शरीर में Chikungunya Viruse के प्रवेश करने के पश्चात 2 से 4 दिन बाद इस रोग के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। इस रोग के लक्षण में 39°C (102.2°F) तक का ज्वर हो जाता है। शरीर, फिर हाथों और पैरों पर लाल रंग के चकत्ते बन जाते हैं। शरीर के सभी जोड़ों में असहनीय पीड़ा होती है। रोग के ठीक होने के बाद भी लगभग 1 महीने तक शरीर में दर्द की शिकायत बनी रहती है।

चिकनगुनिया के लक्षण (Chikungunya Symptoms)

  • सर्दी के साथ तेज बुखार आना
  • सिर दर्द होना
  • मांसपेशियों में दर्द होना
  • जोड़ों में तेज दर्द होना
  • जी मिचलाना
  • भूख कम लगना
  • जोड़ों में सूजन और विकृति होना
  • शरीर में कमजोरी हो ना, त्वचा का शुष्क होना
  • प्रकाश सहन ना होना
  • हाथों, पैरों व शरीर पर लाल रंग के चकत्ते दिखाई देना
  • कुछ लोगों में मसूड़ों का नाक से खून निकलना

चिकनगुनिया का निदान ( Diagnosis of chikungunya)

चिकनगुनिया के निदान के लिए निम्न वक्त जांच की जाती है-

1) सुधीर में सफेद रक्त कण एवं प्लेटलेट्स काउंट जांच: 

इस प्रकार के रक्त परीक्षण में सफेद रक्त कण और प्लेटलेट्स की संख्या में कमी आने पर चिकनगुनिया होने की संभावना होती है

2) चिकनगुनिया  जीन की जांच या RT-PCR की जांच:

इस प्रकार की रक्त जांच में चिकनगुनिया के जीन की जांच की जाती है।

3) चिकनगुनिया वायरस को पृथक कर परीक्षण:

संक्रमण के प्रारंभिक दिनों में रक्त से चिकनगुनिया के वायरस को पृथक कर परीक्षण करने के लिए यह जांच की जाती है।

4) चिकनगुनिया एंटीबॉडी जांच या ELISA जांच:

इस प्रकार की रक्त जांच में चिकनगुनिया के प्रति रक्षकों की उपस्थिति या अनुपस्थिति की जांच की जाती है इस टेस्ट में पीड़ित व्यक्ति या रोगी को डेंगू या चिकनगुनिया इसकी जांच हो जाती है।

चिकनगुनिया का उपचार (Treatment of chikungunya)

1) चिकित्सक चिकनगुनिया के उपचार के लिए लाक्षणिक ( symptomatic treatment) दवा देते हैं।

2) चिकित्सक जोड़ो एवं अन्य प्रकार के दर्द के लिए दर्द नाशक दवा देने की सलाह देते हैं।

3) बुखार आने पर बुखार को कम करने के लिए पेरासिटामोल दवा दी जाती है।

4) चिकनगुनिया से पीड़ित रोगी को अधिक आराम करना चाहिए और पर्याप्त मात्रा में द्रव आहार और पेय पदार्थ का सेवन करना चाहिए।

5) सामान्यता रोगी घर पर आराम करके ठीक हो सकते हैं लेकिन लक्षणों में तीव्रता होने पर अस्पताल में भर्ती होना चाहिए।

6) चिकनगुनिया के लक्षण दिखाई देने पर मेडिकल स्टोर से दवाई नहीं लेनी चाहिए इसके स्थान पर चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।

7) चिकनगुनिया के विषाणु शरीर के अंदर नष्ट करने के लिए कोई विशेष दवा या वैक्सीन अभी तक नहीं है।

चिकनगुनिया से बचाव के उपाय( Preventing measures from chikungunya)

  1. घर के अंदर और आसपास व्यर्थ में जल जमा ना होने दें। किसी भी बर्तन में जल ना रुकने दे।
  2. बर्तन को खाली कर कर रखी या उसे उल्टा करके रख दे।
  3. यदि किसी बर्तन, ड्रम या बाल्टी में पानी जमा करके रखना पड़े, तो उसे ढक कर रखें ज्यादा से ज्यादा गुनगुने जल का सेवन करें ताकि इम्यून पावर मजबूत रहें।
  4. यदि किसी बर्तन में हमेशा जल जमा कर रखते हैं तो पहले उसे साबुन और पानी से अच्छे से धो लेना चाहिए जिससे मच्छर के अंडे को हटाया जा सके।
  5. घर में कीटनाशक का छिड़काव करें। घर के अंदर आसपास सदा सफाई रखें।
  6. कूलर का प्रयोग ना होने पर उसमें जमा जल निकाल कर सुखाकर रख दें। प्रयोग करने पर कूलर का पानी नियमित बदलते रहें अन्यथा सप्ताह में एक बार थोड़ा पेट्रोल पानी में डाल दें।
  7. किसी भी खुली जगह जैसे- गड्ढों में, गमलों में या कचरे में जल जमा ना होने दे अगर जल जमा है तो उस में मिट्टी डाल दे।
  8. खिड़की और दरवाजे में जारी लगाकर रखें। शाम होने से पहले दरवाजा बंद कर दें।
  9. ऐसे कपड़े पहने जो पूरे शरीर को ढक सके। बाहर का खुला खाना या जल का सेवन ना करें।
  10. रात को सोते समय मच्छरदानी लगाकर सोए।
  11. अन्य मच्छर विरोधी उपकरणों का प्रयोग करें जैसे- electric mosquito bat, repellent cream, sprays etc.

चिकनगुनिया कौन से मच्छर से होता है?

चिकनगुनिया ऎडिस मच्छर के काटने से होता है

चिकनगुनिया के लक्षण क्या है?

जोड़ों में दर्द चिकनगुनिया का मुख्य लक्षण है इसके अतिरिक्त तेज बुखार, सिर दर्द, शरीर में कमजोरी, भूख में कमी, जी मिचलाना भी Chikungunya के लक्षण है।

चिकनगुनिया में क्या खाना चाहिए?

चिकनगुनिया में विटामिन C और  E भरपूर मात्रा में लेना चाहिए तथा हरी पत्तेदार सब्जियां फल तथा तरल पदार्थों का अधिक सेवन करना चाहिए।

चिकनगुनिया कितने दिनों तक रहता है?

यह बुखार सामान्यता 2 दिनों से 2 सप्ताह तक रहता है परंतु कई बार रोगी 6 महीने से अधिक भी बीमार रह सकता है। Chikungunya के वायरस शरीर को कमजोर बना देते हैं।

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