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डेंगू होने से इंसान की मौत क्यों होती है जाने कारण?

डेंगू के क्या लक्षण होते हैं। और इसका लक्षण क्यों नहीं पता चलता है, और डेंगू में जान क्यों चली जाती है डेंगू बीमारी में प्लेटलेट्स का अकाउंट कम क्यों हो जाता है। आपको कैसे पता चलेगा कि आपको डेंगू हुआ है या नहीं हुआ है और इसमें इलाज क्या दिया जाता है, सब कुछ आसान भाषा में जानने के लिए इस जानकारी को पूरा पढ़ें।

डेंगू होने से इंसान की मौत क्यों होती है

डेंगू कोई नई चीज नहीं है यह काफी लोगों को होता है। यह मच्छर के काटने से होता है ध्यान दे यह मच्छर की से नहीं फैलता है मच्छर सिर्फ इसका एक कैरियर होता है वायरस होता है जिसको वह मच्छर कैरी कर लेता है, और जब यह मच्छर किसी को काटता है तो उसकी बॉडी में इस वायरस को छोड़ देता है तो उस व्यक्ति को डेंगू बीमारी हो जाता है। तो यदि व्यक्ति की इम्यूनिटी यानी की रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी है तो यह वायरस उस व्यक्ति को उतना ज्यादा अफेक्ट नहीं कर पाता है।

कोई भी व्यक्ति जिसे डेंगू होता है या कोई मच्छर काटता है डेंगू वायरस उस व्यक्ति के शरीर में आ जाता है तो लक्षण आने में 4 से 5 दिन लग जाते हैं। लक्षण में तेज बुखार आएगा, स्किन में रेशस या चकत्ते होने लगते है तो डेंगू से इनफेक्टेड व्यक्ति को लगभग चार-पांच दिन लगते हैं लक्षण दिखाई देने में।

लेकिन कुछ व्यक्ति जिसे होते हैं जिनमें डेंगू होने पर कोई लक्षण ही नहीं दिखाई देते हैं, पांच में से एक व्यक्ति ऐसा जरूर होता है। जिसे डेंगू अफेक्टेड होने पर भी उसे लक्षण नहीं दिखाई देते हैं और कुछ लोगों में डेंगू वायरस आता है, और खत्म भी हो जाता है यह व्यक्ति के शरीर की इम्यूनिटी पर निर्भर करता है। जिससे कि कुछ व्यक्ति को डेंगू का इलाज करने की जरूरत ही नहीं पड़ती है और वह अपने आप से ठीक हो जाता है।

इसका मतलब आपको डेंगू होने पर ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है, बिना किसी दवाई डेंगू ठीक हो होता है। लेकिन कई लोगों में यह बहुत ही ज्यादा सीरियस (क्रॉनिक) स्टेज पर पहुंच जाता है और संक्रमण बढ़ जाता है। वहां पर आपको यदि ट्रेटमेंट ना दिया जाए तो व्यक्ति की जान भी जा सकती है। यदि आपको डेंगू के कुछ भी लक्षण दिखाई दे तो तुरंत जांच कराकर डॉक्टर को जरूर दिखाएं।

डेंगू के लक्षण क्या है?

डेंगू के लक्षण जरूर पता होना चाहिए डेंगू के सबसे बड़े लक्षण की बात करें तो उस व्यक्ति को चार-पांच दिन बाद अचानक से बहुत तेज बुखार आएगा जो की 104 डिग्री सेल्सियस 107 डिग्री सेल्सियस तक बुखार जा सकता है, साथ में उल्टी हाथ और पैरों में रेसस लाल लाल चकत्ते पड़ सकते हैं। जलन होना हाथ पैरों और जोड़ों में तेजी से दर्द होना तो ऐसे में यह कुछ संकेत होते हैं डेंगू बीमारी के तो इस तरह से लक्षण दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

डेंगू जांच

डेंगू की जांच के साथ उसमें सीबीसी यानी कि कंप्लीट ब्लड टेस्ट भी कराया जाता है। जिसमें यदि डेंगू होता है तो सीबीसी में प्लेटलेट पर सबसे ज्यादा ध्यान देना होता है प्लेटलेट कम नहीं होना चाहिए नॉरमल प्लेटलेट 1,50,000 से लेकर 4,00,000 माना जाता है। लेकिन जब व्यक्ति को डेंगू होता है तो उसका प्लेटलेट कम होने लगता है कई लोगों में यह 17,000, 50,000 कई लोगों में 10,000 से 20,000 भी हो जाता है। यानी कि बहुत ज्यादा खतरनाक कंडीशन हो जाती है तो ज्यादा प्लेटलेट्स कम हो जाती है तो बहुत ही रिस्की हो जाता है और पेशेंट को हाय ट्रीटमेंट की आवश्यकता होती है। और यदि ट्रीटमेंट ना दिया जाए तो इंसान की मौत भी हो जाती है।

डेंगू होने पर प्लेटलेट कम क्यों होता है?

जो एडीज मच्छर होता है वह वायरस को कैरी करता है और यह वायरस मच्छर के काटने से व्यक्ति के शरीर में जाकर Bone marrow को affect करता है। बोन मैरो हड्डियों के बीच में सेमी लिक्विड होता है। इसी से हमारे बॉडी के सारे ब्लड सेल्स बनती हैं जैसे Red blood cell, Ehite blood cell और platelets तो जैसे ही बोन मैरो वायरस से अफेक्ट होता है, तो बोन मैरो प्लेटलेट को बनाना बंद कर देता है तो इसलिए प्लेटलेट कम हो जाता है।

Blood में platelets क्यों जरूरी होता है?

प्लेटलेट हमारे शरीर में Blood clotting के लिए महत्वपूर्ण होता है, जब भी आपको चोट लगती है तो ब्लड निकलता है कुछ देर बाद वह ब्लड सूख जाता है, क्लोट हो जाता है जो आपका ब्लड है वह हवा के संपर्क में आने के बाद कुछ Clotting process होती है जिसके बाद ब्लड का थक्का बन जाता है। तो ब्लड को जमाने या थक्का बनाने की जो प्रक्रिया होती है वह प्लेटलेट से होती है। तो यदि प्लेटलेट काउंट कम हो जाएगा तो व्यक्ति को कहीं से ब्लीडिंग होगी तो ब्लड रुकेगा नहीं। तो बॉडी में इंटरनल या एक्सटर्नल ब्लड रुकेगा नहीं औरत ब्लीडिंग होती रहेगी तो बहुत ज्यादा रिस्की हो जाता है। हर इंसान की जान भी जा सकती है।

प्लेटलेट बहुत कम होने पर क्या किया जाता है?

लेकिन कई लोगों में देखा गया है कि उनको 50000 प्लेटलेट काउंट हो गया है लेकिन फिर भी वह नॉर्मल हेल्दी रहते हैं कई लोगों का ऐसा रहता है कि 70000 80000 क्रेडिट अकाउंट में भी बहुत ज्यादा परेशान हो जाते हैं।

यदि किसी व्यक्ति का प्लेटलेट काउंट बहुत ज्यादा हो गया है तो उस व्यक्ति को प्लेटलेट चढ़ाया जाता है। नॉर्मल जिस तरह ब्लड चढ़ाए जाते हैं, उसी तरह प्लेटलेट भी चढ़ाया जाता है।

डेंगू का ट्रीटमेंट कैसे करें?

चलिए अब जान लेते हैं डेंगू के ट्रीटमेंट के बारे में, डेंगू होने पर क्या किया जाता है, उसके बारे में विस्तृत रूप से जान लेते हैं।

  • तो कोई भी व्यक्ति हो जिसे डेंगू हो गया है तो उस व्यक्ति को घर पर रहना है ज्यादा से ज्यादा आराम करना है।
  • अधिक से अधिक पानी पीना है बॉडी में डिहाईड्रेशन नहीं होना चाहिए।
  • डॉक्टर से संपर्क करना है।
  • और यदि आप घर पर हैं आपको अचानक से ज्यादा बुखार हो जाता है तो कम से कम पेरासिटामोल की टेबलेट खा सकते हैं।
  • बाकी आपको जांच होने के बाद डॉक्टर द्वारा डेंगू की अलग से दवाई चलाई जाएगी।

डेंगू होने पर शरीर में इलेक्ट्रोलाइट जैसे मैग्नीशियम सोडियम कैल्शियम का मेंटेन होना बहुत जरूरी होता है।

डेंगू का ट्रीटमेंट खुद से ना करें, किसी अच्छे डॉक्टर को दिखाएं और जांच कराने के बाद ही डेंगू की दवा को खाएं।

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