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मकर सक्रांति त्यौहार की क्या है कहानी (Makar Sankranti Festival Story)?

मकर सक्रांति त्यौहार आज की जानकारी में हम जानेंगे मकर संक्रांति का त्यौहार क्यों मनाया जाता है, और यह कब मनाया जाता है, जैसा कि आप सब जानते हैं। शुरुआत के समय से ही प्रकृति को देव का स्थान दिया गया है और मकर सक्रांति का त्यौहार और भी प्रकृति को ही समर्पित है।

मकर सक्रांति त्यौहार की कहानी

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मकर सक्रांति त्यौहार की क्या है कहानी (Story of Makar Sankranti)?

दरअसल या एक पूरी तरीके से वैज्ञानिक त्यौहार है, और सूर्य की जो स्थिति बदलती है। उस कारण से इस त्यौहार को मनाया जाता है, जैसा कि आप जानते हैं।

सनातन धर्म और हिंदू धर्म अधिकतम पर आए और मान्यताएं हैं। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बनाई गई हैं, मकर सक्रांति को भारत के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है, और अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है।

गुजरात में मकर सक्रांति त्यौहार को उत्तरायण के नाम से जानते हैं तो ही राजस्थान और बिहार झारखंड में से सकरात खा जाता है। तमिलनाडु में इसे पोंगल के रूप में और आंध्र प्रदेश कर्नाटक और केरल में केवल सक्रांति के रूप में जाना जाता है, और उत्तर प्रदेश में है खिचड़ी के रूप में जाना जाता है, तो इसके पीछे क्या कहानी है इसके बारे में जान लेते हैं।

हिंदू धर्म में माह को 2 पच्छों में बांटा गया है कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष, ठीक इसी तरह से वर्ष को भी दो आयनों में बांटा गया है। एक उत्तरायण और दूसरा है। दक्षिणायन और दोनों को यदि मिला दिया जाए तो 1 वर्ष पूरा हो जाता है।

मकर सक्रांति के दिन से सूर्य की उत्तरायण गति प्रारंभ हो जाती है इसलिए मकर सक्रांति को उत्तरायण भी कहते हैं। इसके अलावा पौष मास में जब सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि को प्रवेश करते हैं। तब से मकर सक्रांति का पर्व मनाया जाता है। क्योंकि सूर्य जो है धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं।

इसीलिए इसे मकर सक्रांति त्यौहार के नाम से जाना जाता है मकर सक्रांति कैस त्यौहार है। जिसे संपूर्ण भारत वर्ष में मनाया जाता है, हर साल जनवरी के 14 तारीख को मकर संक्रांति मनाया जाता है तो एक त्यौहार मनाने के पीछे यह सारी वैज्ञानिक कारण है।

इसके अलावा कुछ धार्मिक मान्यताएं भी है, जैसे कि हिंदू धर्म के नेताओ के आधार पर आज के दिन यानी कि मकर सक्रांति के दिन भगवान विष्णु ने असुरों का अंत करके उनके सिरोको मंदार पर्वत पर दबाकर युद्ध की समाप्ति की घोषणा की थी। इसीलिए इस मकर सक्रांति के दिन बुराइयों और नकारात्मकता को समाप्त करने का दिन भी मानते हैं।

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कहीं-कहीं आज के दिन पतंग उड़ाने का भी परंपरा होता है, पूरे भारत में इस त्यौहार को हर्षोल्लास से मनाया जाता है, तो मकर सक्रांति त्यौहार मनाने के पीछे मुख्य कारण जो थे। हमें इस जानकारी में जान लिया है यदि आपको ही जानकारी संबंधित कुछ पूछना है तो नीचे कमेंट करके हमसे पूछ सकते हैं।

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