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मकर संक्रांति क्यों और कैसे मनाया जाता है (Maker Sankranti Festival)?

मकर संक्रांति त्योहार: यह तो हम सभी जानते हैं भारत एक धर्म प्रधान देश है। भारतीय कैलेंडर त्योहारों की लिस्ट से भरा हुआ है। क्योंकि भारत में सभी त्यौहार हर्षोल्लास से मनाया जाते हैं। उन्हें प्रसिद्ध भारतीय त्योहारों में से एक मकर संक्रांति भी है। हम सभी लोग मकर सक्रांति को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं, कि मकर संक्रांति को क्यों मनाई जाती है।

मकर संक्रांति क्यों और कैसे मनाया जाता है (Maker Sankranti Festival)?

भारत में अलग-अलग धर्मों के साथ उनकी विभिन्न मान्यताएं भी मौजूद है, लेकिन सभी धर्मों के लोग सभी त्योहारों को मिलजुलकर और बड़ी हर्षोल्लास से मनाते हैं। यही तो हमारे देश की खूबसूरती है जो कि हमें औरों से अलग करती है कहा भी गया है अनेकता में एकता भारत की विशेषता।

जहां एक तरफ मकर संक्रांति के दिन छोटे गांव में बच्चे सड़कों पर इधर से उधर अपनी पतंग को पकड़ने के लिए दौड़ते हैं, तो वहीं शहरों में आसमान पतंगों की भीड़ से रंग बिरंगा दिखाई देता है मकर सक्रांति की सबसे अधिक मान्यताएं गुजरात में है। लेकिन सभी प्रदेशों में इस त्यौहार को हर्ष के साथ मनाया जाता है तो फिर चलिए इस पावन पर्व पर मकर सक्रांति क्यों मनाया जाते हैं इसके बारे में और जानकारी जानते हैं।

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मकर संक्रांति क्या है क्यों मनाया जाता है Why Celebrate Maker Sankranti Festival?

सनातन मान्यताओं के मुताबिक मकर सक्रांति के दिन भगवान सूर्य अपने पुत्र शनि से मिलने स्वयं उनक घर जाते हैं। वहीं एक दूसरी मान्यताओं के अनुसार शास्त्रों के अनुसार मकर सक्रांति के दिन ही भगवान विष्णु के अंगूठे से निकली देवी गंगा भागीरथ के पीछे चलते चलते कपिल मुनि के आश्रम से होकर सागर में जा मिली थी और भागीरथ के पूर्वज महाराज सगर के पुत्रों को मुक्ति प्रदान हुआ था।

मकर सक्रांति क्या है What is Maker Sankranti in Hindi)
?

मकर सक्रांति कैसा है हिंदू त्यौहार है जो की पूरी तरह से सूर्य देव को समर्पित है। भारत में शुरुआत से ही प्रकृति को देव का स्थान दिया गया है, और मकर सक्रांति का त्यौहार भी सुविधाओं को समर्पित माना जाता है यह त्यौहार अलग अलग राज्य में अलग तरीके से मनाया जाता है।

मकर संक्रांति त्योहार की अलग-अलग नाम क्या है?

मकर सक्रांति एक शुद्ध हिंदी नाम है इसलिए हो सकता है कि कुछ लोगों के लिए यह नया हो सकते है। गुजरात में मकर सक्रांति को लोग उत्तरायण के नाम से जानते हैं। तो राजस्थान में और बिहार में झारखंड में इसे सकरात कहा जाता है लेकिन एक बात सब जगह समान है और वह है गुड़ और तिल के बने लड्डू मकर सक्रांति को अलग-अलग प्रदेशों में अलग तरीके से बनाया जाता है लेकिन बात पतंग उड़ाने की हो तो यह सभी प्रदेश में पूरी तरह से बनाया जाता है।

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मकर सक्रांति और कुंभ मेला का क्या संबंध है?

मकर सक्रांति के समय में हर 12 साल में एक बार महान कुंभ का मेला आयोजित होता है जिसमें 5 से 10 लोग शामिल होते हैं सभी लोग प्रयाग में गंगा और यमुना नदी के संगम पर सूर्य देव की पूजा करते हैं।

10 करोड़ तक लोगों के शामिल होने के कारण यह महाकुंभ का मेला पूरी दुनिया का सबसे बड़ा फेस्टिवल माना जाता है। इस कार्यक्रम में हिमालय पर घोर तपस्या करने वाल साधुओं से लेकर विदेशी यात्री तक शामिल होते हैं।

मकर संक्रांति क्यों मनाते है?

अलग-अलग धर्मों की विभिन्न मान्यताओं के अनुसार मकर सक्रांति बनाने के कई कारण है। लेकिन मकर सक्रांति मुख्य रूप से सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण में जाने के इस मौके को पर मनाया जाता है।

भारतीय शास्त्रों में कहा गया है जब सूर्य दक्षिणायन में रहता है तब देवताओं की रात्रि होती है। असाध्य समय नकारात्मकता का प्रतीक होता है और वहीं दूसरी तरफ जब सूर्य उत्तरायण में रहता है तो यह देवताओं का दिन होता है, और इस इस समय को बहुत ही शुभ माना जाता है।

दरअसल भारत उत्तरी गोलार्ध में स्थित है और मकर सक्रांति से पहले सूर्य भारत के हिसाब से दक्षिण गोलार्ध में रहता है और मकर संक्रांति के समय पर वह उत्तरी गोलार्ध में आना शुरू करता है जिसका मतलब होता है, कि भारतीय संविदा के अनुसार इस दिन से उत्तरायण का समय शुरू हो जाता है।

यह भी माना जाता है कि मकर सक्रांति के दिन से सर्दी समाप्त होना शुरू हो जाती है, और दिन बड़े बारातें छोटे शुरू हो जाते हैं। गर्मी की शुरुआत होने लगती है।

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मकर सक्रांति का महत्व

  • मकर संक्रांति के दिन से सर्दियां खत्म होना शुरू हो जाता हैं और भारतीय नदियों में से वाष्पन क्रिया शुरू हो जाती है। क्योंकि मकर संक्रांति से सूर्य भारत की तरफ बढ़ना शुरू करता है, और वैज्ञानिकों के अनुसार नदियों से निकलने वाला वास्प कई रोगों को दूर करती है।
  • मकर सक्रांति के दिन नदियों में नहाना भारतीय सभ्यता के अनुसार शुभ और वैज्ञानिकों के अनुसार शरीर के लिए लाभकारी माना जाता है।
  • वही खानपान की बात करे तो तब मकर सक्रांति के दिन तिल मिठाईयां खाई जाती है जो कि वैज्ञानिक दृष्टि से शरीर के लिए बहुत लाभकारी होती हैं।
  • शास्त्रों के अनुसार सूर्य के उत्तरायण में जाना शुभ होता है और वही विज्ञान के अनुसार यह मानव शरीर के लाभकारी होते हैं क्योंकि उत्तरण में अर्थात गर्मी के दिनों में कार्य करने की क्षमता में वृद्धि होती है।

मकर संक्रांति किस दिन मनाई जाती है?

मकर संक्रांति के त्यौहार को प्रतिवर्ष जनवरी के महीने में मनाया जाता है वैसे तो मुख्यता मकर सक्रांति को 14 जनवरी को ही मनाया जाता है लेकिन कुछ 12 मई से 15 जनवरी और 13 जनवरी को भी मनाया जाता है वही अगर भारतीय सभ्यता की बात की जाए तो जिस दिन सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण की तरफ जाता है उस दिन मकर संक्रांति मनाई जाती है उस राज्य में इस्तेमाल को देवताओं के नींद से उठने के अवसर की खुशी में भी मनाया जाता है।

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मकर सक्रांति कैसे बनाई जाती हैं?

मकर सक्रांति की गिनती उस त्योहारों में की जाती है जो पूरे देश में एक साथ मनाया जाता है। लेकिन इस त्यौहार को मनाने का तरीका हर जगह एक नहीं है। मकर सक्रांति के विभिन्न स्थानों में विभिन्न मान्यताओं के के साथ अलग अलग तरीके से बनाया जाता है चलिए जानते हैं।

मकर सक्रांति को कहां पर कैसे बनाया जाता है।

पंजाब और हरियाणा

पंजाब और हरियाणा में मकर सक्रांति को लोग लोहड़ी के रूप में मनाया जाता है। और इस दिन वहां पर चावल और गुड़ के साथ मोनी मक्की की अग्नि में आहुति देने की प्रथा है।

उत्तर प्रदेश

वही उत्तर प्रदेश में मकर सक्रांति को दान के पर्व के रूप में मनाया जाता है और लोग इस दिन अधिक से अधिक दन देने की कोशिश करते हैं।

बंगाल

बंगाल की बात करें तो यहां पर मकर सक्रांति के दिन दान करने की प्रथा प्रचलित है। इसके अलावा बंगाल में इस दिन बड़े मेले का आयोजन होता है।

बिहार

बिहार में इस त्यौहार को खिचड़ी का त्यौहार मनाया जाता है। बिहार में इस दिन खिचड़ी बनाने और वस्त्र दान करने की प्रथा है।

राजस्थान

राजस्थान में यह त्यौहार सास और बहू के रिश्ते को मजबूत करने के लिए जाना जाता है। इस दिन भूमि अपने सास को वस्त्र और चूड़ियां भेंट करते हैं और उनसे आशीर्वाद लेते हैं।

तमिलनाडु

तमिलनाडु में इस त्यौहार को पुगल के नाम से जाना जाता है, और इसे 4 दिन तक मनाया जाता है।

महाराष्ट्र

महाराष्ट्र में इस दिन हलवा बनाने और दान देने की प्रथा है।

गुजरात

सबसे अधिक हर्षोल्लास से इसे गुजरात में मनाया जाता है। गुजरात में इस दिन आसमान पतंगों से भरा हुआ होता है। गुजरात में पतंग उड़ाने की प्रथा सबसे ज्यादा है। मकर संक्रांति के दिन गुजरात में विभिन्न तरह की छोटी-बड़ी पतंगे उड़ाई जाती हैं। गुजरात में इस दिन पतंग उड़ाने के अलावा दान देने और तिल की मिठाइयां खाने की प्रथा है। मकर संक्रांति के दिन पूरे देशों में मनाई जाती है।

मकर संक्रांति एक भारतीय त्योहार है और इसे मुख्य रूप से भारत में ही बनाया जाता है, लेकिन पूरे विश्व में इसे भारत के अलावा कुछ देशों में मनाया जाता है।

बांग्लादेश

बांग्लादेश में मकर संक्रांति के दिन गंगा के घाटों पर मेला आयोजन होता है, और वहां पर धूमधाम से इस त्यौहार को मनाया जाता है।

श्रीलंका और नेपाल

भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका और नेपाल में भी इस त्यौहार का अपना अलग महत्व है। श्रीलंका और नेपाल में इस त्यौहार पर किसान भगवान को अपनी अच्छी फसलों के लिए धन्यवाद देते हैं, और उनके भविष्य के लिए कामना करते हैं।

पाकिस्तान

पाकिस्तान में मकर संक्रांति के त्यौहार को त्रिपुरी के नाम से जाना जाता है। वहां पर स्थित सिंधी लोग अपने माता पिता को कपड़े और मिठाईयां भेजते हैं।

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