पीलिया यानी कि ज्वाइंडिस इसके बारे में बताना चाहूगा वैसे तो हम लोग ज्वाइंडीस के बारे में सुनते ही रहते हैं। लेकिन यह होता क्या है कैसे होता है। इसका बचाव उपचार क्या है आज के जानकारी में हम जानेंगे। ज्वाइंडीस कोई बीमारी नहीं है यह एक लक्षण है यह एक साइन और सिम्पटम से जो किसी अंदरूनी बीमारी को दर्शाता है। वह बीमारी क्या है यह डॉक्टर आपको बताएंगे क्या वह साधारण पीलिया है या कॉम्प्लिकेटेड पीलिया है।
जानकारी के मुख्य हेडिंग
यह जानना बहुत जरूरी है कभी भी पीलिया को आप अनदेखा ना करें। यदि किसी को पीलिया है। तो उसे किसी गैस्ट्रोलॉजी से जरूर दिखाना चाहिए या किसी फिजिशियन से उसका इलाज जरूर कराएं। लेकिन मैंने कई बार देखा है पीलिया होने पर लोग सबसे पहले वेद के पास भागते हैं या झाड़ा फूंका करवाने लगते हैं जो बहुत ही गलत है।
- किडनी स्टोन लक्षण, कारण, टेस्ट और इलाज है ?
- आधार कार्ड डाउनलोड कैसे करें
- मुंहासे कारण,लक्षण और इलाज क्या है ?
- ब्रोंकाइटिस क्या है कारण, लक्षण और इलाज
- CBC Blood Test क्या है क्यों किया जाता है ?
पीलिया क्या है (What is Jundice)
शरीर में जब पीलापन आता है उसे आम भाषा में ज्वाइंडीस कहते हैं। मेडिकल भाषा में उसे ज्वाइंडिस या बिलुरुबिन का बढ़ना कहते हैं। बिलीरुबिन एक पिगमेंट होता है जो ब्लड में होता है अगर यह अपने नॉर्मल स्तर से ज्यादा हो जाता है तो इसकी वजह से आंखों में पीलापन आता है चेहरे पर और चमड़ी पर पीलापन आ जाता है। जिसे पीलिया बोलते हैं। जो एक तरह का बीमारी होने का लक्षण है।
ज्वाइंडीस क्यों होता है इसके दो कारण है।
- लीवर के कारण
- लीवर के बाहर के कारण (पित्तासय में स्टोन)
लिवर के कारण होने वाला पीलिया
अगर लिवर के कारण की बात करें तो सबसे कॉमन आम भाषा में जो ज्वाइंडीस होता है उसे वायरल हेपिटाइटिस जो कि गंदे या दूषित पानी से होता है। इसको आम भाषा में पीलिया बोलते हैं जो आम बच्चों में अमूमन होता है यह एडल्ट्स को भी होता है। एक या दो बार जिसे हम सामान्य ज्वाइंडीस कह सकते हैं।
वायरल हेपिटाइटिस क्या होता है
हेपिटोटिक ए और ई (एक्यूट हेपिटाइटिक)
पीलिया का लक्षण होने पर सबसे पहले कारण होता है हेपेटिटिक। इस सबसे कामन हेपेटाइटिस ए और इ होता है और दोनों ही दूषित पानी से होते हैं अगर आपका पानी दूषित है उस में वायरस से इनफेक्टेड है तो आपको ज्वाइंडीस हो सकता है।
लक्ष्मण
- जिसमें भूख कम लगना
- आंखें पीला होना
- शरीर पीला होना
- उल्टी होना मचली होना
- कभी कभी बुखार आना यह
सभी वायरल बुखार होते हैं जो हेपिटाइटिस ए के इ कारण होते हैं और दूषित पानी से होते हैं
हेपिटाइटिक बी
हेपिटाइटिस बी ये भी बहुत कॉमन बीमारी है लेकिन यह आगे जाकर कैंसर भी पैदा कर सकता है, और लीवर सिरोसिस भी हो सकता है यह बहुत ज्यादा खतरनाक होता है। हेपिटाइटिस बी भारत में बहुत कम है। यह एक ही प्रकार एक वायरस से लीवर के अंदर रहता है जो maternal-fetal ट्रांसलेटर से भी होता है। यानी की माता में यदि यह बीमारी है तो यह बच्चों में भी हो सकता है। तो यही बीमारी यदि बच्चे की माता पिता को है तो समय से यदि हेपेटाइटिस का टीका नहीं लगाते हैं तो यह आगे जाकर बच्चों में हो जाता है। इंडिया में माता से बच्चों में आना यह बहुत कॉमन है इसके लिए टीका अवश्य लगाएं।
हेपिटाइटिस सी
हेपेटाइटिस सी सब जगह कामन नहीं है इससे भी लिवर सिरोसिस, लिवर कैंसर हो सकता है। यह भी एक तरह का क्रॉनिक हेपिटाइटिस है। अगर यह एक बार लीवर में घुस जाता है तो लीवर को नहीं छोड़ता है जिंदगी भर और उसका ट्रीटमेंट आज की तारीख में संभव है। आज से 10 साल पहले इसका इलाज बहुत महंगा था और पूरी तरह से संभव नहीं था लेकिन आजकल इतनी अच्छी अच्छी दवाई आ गई है कि यदि किसी को ही समस्या होता है तो उसे ठीक किया जा सकता है।
तो पीलिया हेपेटाइटिस ए से हो सकता है, हेपेटाइटिस बी से भी हो सकता है जो एक बार होता है फिर चला जाता है दोबारा नहीं होता है। लेकिन हेपेटाइटिस बी वाला पीलिया यदि होता है अगर यह किसी व्यक्ति को क्रॉनिक हो जाता है। उस व्यक्ति को लिवर सिरोसिस भी कर सकता है। इसलिए हमें ध्यान रखना है ज्वाइंडीस किस कारण से हुआ है यह आपको आपके डॉक्टर बहुत अच्छी तरह से बताएंगे।
पीलिया होने के लीवर के बाहर के कारण के लिए
हमने वायरल हेपेटाइटिस के बारे में बताया अब बात कर लेते हैं इसके अलावा क्या-क्या और कारण है जो जिसकी वजह से पीलिया होता है। हम बात करने वाले गॉल स्टोन की या सीबीडी स्टोन की यह क्या है, लीवर के पास एक छोटा सा ऑर्गन होता है। जिसे हम गॉल ब्लैडर या पित्तासाय कहते हैं। उसके अंदर स्टोन डिवेलप हो जाता है और उसके अंदर स्टोन वहां से पित्त नलिका में आ जाता है जिसे हम मेडिकल भाषा में कॉमन बाइल डक्ट कहते है जो पित्त बनाता है। वह लीवर में बनता है और आगे गॉलब्लेडर में स्टोर होता है। और जब आंत में खाना आता है तो यह खाना पचाने के लिए गॉलब्लेडर संकुचित होता है और कांटेक्ट होता है। और पित्त निकल कर आतों में आ जाता है और खाने को पचा देता है।
अब कुछ कारणों से वित्त में पित्ताशय में पथरी बन जाती है जो पित्त से टपक कर नलिका में आ जाते हैं तो पित्त का रास्ता बंद कर देती है इस वजह से पित्त आंत में नहीं आ पाता है तो फिर लिवर से होते हुए ब्लड में आता है और आंखों और पूरी बॉडी में पीलापन होने लगता है, जिसे पीलिया कहा जाता है।
पीलिया की जांच (Jundice Test)
पीलिया का लक्षण आने पर सबसे पहले आपको अपने डॉक्टर को दिखाना चाहिए डॉक्टर आपको कुछ इंपोर्टेंट टेस्ट के लिए बताएंगे जिसमें आपको
- लिवर फंक्शन टेस्ट (LFT)– लिवर फंक्शन टेस्ट में बिलुरुबीन 2 या 3 से ऊपर आता है कई बार 10 या 15 भी आ जाता है
- सोनोग्राफी–
- एसजीओटी एसजीपीटी (Sgot sgpt)- डॉक्टर आपको ऐसी होती और ऐसी पीटी टेस्ट भी कराते हैं अगर एसजीओटी एसजीपीटी को ज्यादा बड़ा होता है इसका मतलब एक्यूट वायरल हेपिटाइटिस है यदि ज्यादा बढ़ा हुआ नहीं है तो कौन एक हेपेटाइटिस हो सकता है यह आपको डॉक्टर द्वारा बताया जाएगा।
- वायरल मार्कर- इसके अलावा डॉ आपको वायरल मार्कस कराते हैं जिसमें हेपिटाइटिस बी, ए और सी होता है
तो यह सब जांच आपको डॉक्टर द्वारा कराए जाएंगे और फिर उसका ट्रीटमेंट करते हैं।
क्या पीलिया होने पर पीला चीज खाना चाहिए या नहीं
जब पीलिया होता है लोग कहते हैं कि पीला खाना बंद कर दो यह गलत चीज है येसे अपवाद बरसों से चले आ रहे हैं एक गलत है। अगर किसी व्यक्ति को पीलिया है तो उसको नॉर्मल डाइट देना है, लोग कहते हैं ज्वाइंडीस होने पर उबला खाना दो पीली चीजें मत दो अगर किसी व्यक्ति को पीलिया है तो उसे नॉर्मल अच्छा प्रोटीन भोजन देना चाहिए सबसे खास बात है खुद से इसका इलाज ना करें कोई देसी दवा के चक्कर में ना पड़े।
यदि किसी को पीलिया है तो उसका पूरा इलाज कराएं क्योंकि आगे जाकर लिवर सिरोसिस और लिवर कैंसर कर सकता है। इसके अलावा कि कभी भी देसी इलाज के चक्कर में ना पड़ें अपना समय बर्बाद ना करें क्योंकि हमने कई बार देखा है लोग पीलिया के चक्कर में देसी दवा लेते हैं जिससे सिलेबस फेल होता है इलाज में लेट होता है जिससे उनको आराम नहीं होता है और भी तबीयत खराब हो जाती है।