टीवी के मरीज को क्या खाना चाहिए क्या नहीं। टीवी एक संक्रामक बीमारी है जो ट्यूबरक्लोसिस नामक जीवाणु से फैलती है यह बीमारी फेफड़ों से सबसे ज्यादा प्रभावित करती है यह शरीर के कई हिस्सों में यह बीमारी हो सकती है टीवी को ठीक होने में अधिक समय लगता है इसकी लंबे समय तक हिला की जरूरत होती है डॉक्टर इलाज के साथ-साथ टीवी को ठीक करने में आहार अहम भूमिका निभाते हैं इसलिए टीवी रोग में आपको अपने खान-पान पर बहुत ध्यान देने की जरूरत होती है जिससे टीवी रोग जल्दी दूर हो सके फेफड़ों के अलावा शरीर के अन्य अंगों में टीवी हो सकती है।
टीवी रोग रोगी की भूख में कमी कर देता है और इस रोग में जो दवा दी जाती है उसका असर लीवर पर हो सकता है। जिसकी वजह से पाचन क्रिया कमजोर हो जाती है और रोगी की बुक लगने में कमी हो जाती है। इन बातों को ध्यान में रखकर टीवी का डाइट प्लान करना चाहिए जिससे रोगी को पौष्टिक आहार भी मिले और लीवर पर ज्यादा बाहर भी ना पड़े टीवी रोग से उबरने के लिए जरूरी है ऐसा भोजन की जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाए। और शरीर को इस बीमारी से लड़ने की ताकत दें।
इसलिए टीवी के रोगी को दवा के साथ-साथ ए भी पता होना चाहिए कि इस बीमारी में क्या खाना चाहिए क्या नहीं खाना चाहिए किस जिलों से परहेज करना चाहिए यही सब बातें आज हम इस जानकारी में आपको बताएंगे।
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टीबी के मरीज को क्या खाना चाहिए
किसी एकल खाद्य समूह में सभी पोषक तत्व नहीं होते हैं। एक ही समूह के सभी खाद्य पदार्थों का पोषक मूल्य समान नहीं होता है। एक संतुलित आहार इसलिए विभिन्न खाद्य समूहों और विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों को जोड़ता है। स्थानीय रूप से उपलब्ध अनाज, बाजरा, दालें, मेवा, फल और हरी पत्तेदार सब्जियां, डेयरी उत्पाद, मछली और मांस खाद्य पदार्थ (यदि सांस्कृतिक रूप से स्वीकार्य हो) के सेवन को प्रोत्साहित करें।
टीवी के मरीज को क्या-क्या खाना चाहिए
- खिचड़ी
- दूध
- अंडा,मछली
- हरी सब्जी
- दाल
- फल
- इत्यादि
खिचड़ी
खिचड़ी एक ऐसा भोजन है जो हर बीमारी में रोगी को दिया जाता है मूंग की दाल की खिचड़ी आसानी से बच जाती है और उसमें काफी मात्रा में पोषक तत्व होते हैं जो हर बीमारी में श्रेष्ठ आहार की भूमिका अदा करते हैं इसलिए आर्मी खिचड़ी का प्रयोग करना चाहिए।
अनाज और बाजरा
पोषक मूल्य: ऊर्जा का मुख्य स्रोत: औसतन प्रति 100 ग्राम लगभग 350 किलो कैलोरी। वे प्रोटीन भी प्रदान करते हैं, 7 ग्राम से 12 ग्राम%, बी विटामिन, फाइबर और पोटेशियम तक। अनाज के प्रोटीन में कुछ अमीनो एसिड की कमी होती है और उन्हें दालों के साथ मिलाने से शाकाहारियों के लिए अच्छी गुणवत्ता वाला प्रोटीन प्रदान करने में मदद मिल सकती है।
विशेष उल्लेख : बाजरा (बाजरा) में वसा की मात्रा अधिक होती है। रागी (रागी) कैल्शियम से भरपूर और आयरन का अच्छा स्रोत है।
दाल
पोषक मूल्य: वे प्रोटीन में उच्च (20 से 25 ग्राम%।) हैं और शाकाहारियों के लिए विशेष महत्व के हैं।
विशेष उल्लेख : दालों के अंकुरण (अंकुरित) से पोषक मूल्य में सुधार होता है और खाना पकाने का समय कम हो सकता है। सोयाबीन में 20% वसा और 37% तक प्रोटीन होता है जो इसे उच्च कैलोरी और उच्च प्रोटीन भोजन बनाता है।
नट और तेल बीज
पोषक तत्व: उच्च मात्रा में वसा (40-60%) और प्रोटीन होते हैं (जब तेल निकाला जाता है तो अनुपस्थित)। अल्पपोषण के रोगियों के लिए ऊर्जा और प्रोटीन से भरपूर नाश्ते के रूप में उत्कृष्ट। प्रोटीन के स्रोत के रूप में शाकाहारियों के लिए विशेष महत्व का।
विशेष उल्लेख: मूंगफली के रूप में मूंगफली के रूप में अच्छे हैं, लेकिन दूषित होने के जोखिम को कम करने के लिए अधिमानतः भुना हुआ और एक डेस्किन के रूप में लिया जाना चाहिए। कुछ लोगों को नट्स से एलर्जी हो सकती है और फिर इनसे बचना चाहिए।
सब्जियां
पोषक मूल्य: इनमें कार्बोहाइड्रेट होते हैं (सामग्री 4-25% से भिन्न होती है), और सुरक्षात्मक खाद्य पदार्थ और विटामिन ए और सी, फोलेट, लोहा और मैग्नीशियम, फाइबर के अच्छे स्रोत हैं।
विशेष उल्लेख : पालक, ऐमारैंथ, मेथी जैसी हरी पत्तेदार सब्जियां फाइबर विटामिन ए और सी, कैल्शियम और आयरन से भरपूर होती हैं। आलू ऊर्जा से भरपूर और विटामिन सी का अच्छा स्रोत हैं।
फल
पोषक तत्व: फल विटामिन ए और सी और पोटेशियम के अच्छे स्रोत हैं।
विशेष उल्लेख : केले ऊर्जा का एक अच्छा स्रोत हैं (लगभग 100 किलो कैलोरी प्रति केला), मैग्नीशियम और पोटेशियम (गंभीर कुपोषण वाले रोगियों में कमी)। आंवले और अमरूद में विटामिन सी की मात्रा अधिक होती है, जबकि सभी पीले फल विटामिन ए के अच्छे स्रोत होते हैं (टीबी रोगियों में निम्न स्तर देखे जाते हैं, जबकि घरेलू संपर्कों में निम्न स्तर से टीबी का खतरा बढ़ सकता है)।
दूध और डेयरी उत्पाद
पोषक मूल्य: वे प्रोटीन, वसा, कैल्शियम, विटामिन ए और डी, बी विटामिन (बी 12 सहित) का एक स्रोत हैं। स्रोत (मानव, भैंस, बकरी) के आधार पर प्रोटीन की मात्रा 3-4 ग्राम प्रति 100 ग्राम, वसा की मात्रा 4 – 8% होती है। प्रोटीन, पनीर में वसा की मात्रा अधिक होती है। 100 मिली दूध 70 से 110 किलो कैलोरी देता है।
विशेष उल्लेख : कुछ व्यक्तियों में लैक्टोज असहिष्णुता होती है और दूध और डेयरी उत्पादों के सेवन के बाद पेट फूलना और दस्त हो सकते हैं।
अंडे, मछली, पोल्ट्री और मांस
पोषक तत्व : लगभग 60 ग्राम वजन वाले एक अंडे में 6 ग्राम प्रोटीन, 6 ग्राम वसा और लगभग 90 किलो कैलोरी की आपूर्ति होती है। मांस और मछली में अच्छी गुणवत्ता, आयरन और जिंक का 15 – 25% प्रोटीन होता है। मछली वसा असंतृप्त फैटी एसिड और विटामिन ए और डी में समृद्ध है।
विशेष उल्लेख : अंडा प्रोटीन उच्च जैविक मूल्य का होता है और यह संदर्भ प्रोटीन है जिससे प्रोटीन (पौधे, मांस, मछली) की तुलना की जाती है। प्रोटीन सेवन के मामले में एक अंडा 50% दाल की खपत की जगह ले सकता है।
टीबी के मरीज को क्या नहीं खाना चाहिए
टीवी के मरीज को ऐसा आहार बिल्कुल नहीं खाना चाहिए जो हानिकारक हो
- टीवी के रोगी को देख तला हुआ, भुना हुआ मसालेदार आहार बिल्कुल नहीं खाना चाहिए टीबी के रोगी को दवा खाने से एसिडिटी की समस्या होती है ऐसा आहार लेने से इस लिट बढ़ सकती है।
- टीवी के रोगी को कोल्ड ड्रिंक ठंडा जूस ठंडा पानी रिफाइंड ऑयल जैसी चीजों का प्रयोग नहीं करना चाहिए इससे खांसी बढ़ने का खतरा रहता है।
- टीबी के रोगी को जूम पान शराब गुटखा तंबाकू हुक्का पान सिगरेट आदि कोई नशा बिल्कुल नहीं करना चाहिए जिसस रोगी की हालत गंभीर हो सकती है।
- टीवी रोग में रोगी को कैफीन वाले पदार्थ जैसे चाय काफी आदि का सेवन ना करें। इसे नींद ना आने की समस्या हो सकती है।
- बाजार में बिकने वाली चीजें पास्ता पिज्जा पैकेट बंद खाने का सामान आदि चीजों से टीवी रोगी को परहेज करना चाहिए।
- वह आहार जो रिफाइंड ऑयल से बना हो उसका सेवन बिल्कुल ना करें
- टीबी में ज्यादा मांसाहारी भोजन ना करें मछली अंडा खा सकते हैं डॉक्टर की सलाह से
- टीवी में ज्यादा जोर लगाकर ना खासे साथ ही अधिक फैट युक्त आहार नहीं लेना चाहिए
- टीवी की दवाओं के कोर्स का पूरा सेवन नियमित रूप से करें किसी प्रकार की समस्या होने पर डॉक्टर की सलाह ले
टीबी के मरीज क्या खाएं क्या नहीं महत्वपूर्ण प्रश्न
टीवी के मरीज को दूध का सेवन करना चाहिए या नहीं
दूध प्रोटीन का अच्छा स्रोत है टीवी में दूध का सेवन करना चाहिए यदि बकरी का दूध मिल जाए तो यह काफी ज्यादा फायदेमंद होता है।
टीबी के मरीज को चावल खाना चाहिए या नहीं
टीबी के मरीज को चावल नहीं खाना चाहिए।
टीबी के मरीज को कौन सा फल खाना चाहिए
टीबी में सभी तरह के फल खा सकते हैं अधिकतम जिस फल में ज्यादा विटामिन होता है उसे अवश्य खाएं
टीबी के मरीज को दही खाना सकते हैं या नहीं
टीबी के मरीज को दही नहीं खाना चाहिए क्योंकि दही ठंडा होता है और टीवी पर ठंडे चीज का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
टीबी का इलाज कितने दिन तक चलता है
टीबी का इलाज 6 महीने से लेकर 2 साल तक चल सकता है। इसीलिए लंबे समय तक आहार पर विशेष ध्यान रखना बहुत जरूरी है।